नई दिल्ली। कुछ कलपुर्जों पर सीमा शुल्क में बढ़ोतरी किये जाने से बल्ब सहित एलईडी लाइट उत्पादों की कीमतें 5-10 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं। घरेलू विनिर्माताओं ने इसकी जानकारी दी। हालांकि, उन्होंने कहा कि वे सरकार से इस मुद्दे के तत्काल हल की मांग कर रही हैं। इलेक्ट्रिक लैंप एंड कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एल्कोमा) के अध्यक्ष सुमित जोशी ने कहा, ‘‘सरकार के एलईडी लाइट उत्पादों के विनिर्माण के लिये इनपुट और कल-पुर्जों पर शुल्क बढ़ाने के फैसले से स्थानीय रूप से निर्मित प्रकाश उत्पादों के लिये छोटी अवधि में मूल्य वृद्धि होगी। ऐसा इसलिये है क्योंकि अभी भारत में स्थानीय घटकों की कमी के कारण लगभग सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का आयात किया जाता है।’’
एल्कोमा ने कहा कि एलईडी लाइट बनाने में इस्तेमाल होने वाले कई पार्ट्स के आयात पर सीमा शुल्क में 5 से 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बाद स्थानीय रूप से निर्मित सामानों की कीमतें बढ़ जाएंगी। जोशी सिग्नेचर इनोवेशंस इंडिया (जिसे पहले फिलिप्स लाइटिंग इंडिया के नाम से जाना जाता था) के उपाध्यक्ष व प्रबंध निदेशक भी हैं। हैवेल्स इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं एसबीयू प्रमुख पराग भटनागर ने कहा कि इस निर्णय ने उद्योग को चकित किया है। यह गलत दिशा में उठाया गया कदम है, क्योंकि शुल्क में वृद्धि से घरेलू विनिर्माण को कोई मदद और प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है।
बजट में सरकार ने घरेलू उद्योग को सहारा देने के लिए कई उत्पादों पर सीमा शुल्क में बढ़ोतरी करने का ऐलान किया है। इस कदम से घरेलू कंपनियों के उत्पाद की मांग बढ़ेगी, वहीं कंपनियां विदेशी तकनीकों को घरेलू स्तर पर विकसित करने या उनका विकल्प तलाशने के लिए भी प्रेरित होंगी।