Monday, December 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. कानून मंत्रालय ने भगोड़ा आर्थिक अपराधियों की संपत्ति जब्त करने वाले मसौदा विधेयक को मंजूरी दी

कानून मंत्रालय ने भगोड़ा आर्थिक अपराधियों की संपत्ति जब्त करने वाले मसौदा विधेयक को मंजूरी दी

कानून मंत्रालय ने एक नए प्रावधान के साथ भगोड़े आर्थिक अपराधियों और डिफाल्टरों की संपत्ति जब्त करने का अधिकार देने वाले विधेयक के मसौदे पर सहमति दे दी है।

Manish Mishra
Published : September 18, 2017 19:42 IST
कानून मंत्रालय ने भगोड़ा आर्थिक अपराधियों की संपत्ति जब्त करने वाले मसौदा विधेयक को मंजूरी दी
कानून मंत्रालय ने भगोड़ा आर्थिक अपराधियों की संपत्ति जब्त करने वाले मसौदा विधेयक को मंजूरी दी

नई दिल्ली कानून मंत्रालय ने एक नए प्रावधान के साथ देश छोड़कर भागने वाले आर्थिक अपराधियों और डिफाल्टरों की संपत्ति जब्त करने का अधिकार देने वाले विधेयक के मसौदे पर सहमति दे दी है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। कानून मंत्रालय विधेयक को संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में पेश करने से पहले उसमें एक विशेष छूट वाला प्रावधान सेविंग क्लाज शामिल करना चाहता था। यह प्रावधान जिसे सेविंग क्लाज कहा गया है, कानून में कुछ छूट उपलब्ध कराता है। प्रस्तावित कानून वैसे मामलों में लागू होगा जहां अपराध 100 करोड़ रुपए से अधिक के हो।

यह भी पढ़ें : फ्लिपकार्ट, स्‍नैपडील और अमेजन के बाद अब पेटीएम मॉल भी महासेल के मैदान में, देगी 501 करोड़ रुपए का कैशबैक

वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने 2017-18 के बजट भाषण में ऐसे भगोड़ों की संपत्ति जब्त करने को लेकर कानून में बदलाव या नया कानून लाने का वादा किया था। यह आर्थिक अपराध करने वालों को देश छोड़कर भारतीय कानून की प्रक्रिया से बचने वाले आर्थिक अपराधियों पर अंकुश लगाने पर जोर देता है।

विधेयक में वित्‍तीय खुफिया इकाई (FIU) को आर्थिक अपराधी को भगोड़ा घोषित करने और संपत्ति जब्त करने को लेकर आवेदन देने की अनुमति देता है। FIU वित्‍त मंत्रालय के अधीन आने वाली तकनीकी खुफिया इकाई है। मनी लांड्रिंग निरोधक कानून के तहत अदालत को मामले की सुनवाई की जिम्मेदारी दी जाएगी।

वित्‍त मंत्रालय ने विधेयक पर कैबिनेट नोट का मसौदा तैयार किया था और उस पर कानून मंत्रालय की राय मांगी थी। सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय ने विधेयक के प्रावधानों से सहमति जताते हुए इसमें विशेष छूट का प्रावधान शामिल करने का सुझाव दिया है। उसका कहना है कि प्रस्तावित विधेयक के प्रावधानों का मौजूदा कानून के प्रावधानों पर प्रभाव पड़ेगा, अत: उन प्रावधानों का असर बनाए रखने के लिए विधेयक में विशेष छूट वाला प्रावधान शामिल किया जाना चाहिए।

यह भी पढ़ें : FCI की गेहूं को नहीं मिल रहे हैं खरीदार, सस्ते हो सकते हैं आटा, मैदा और सूजी

ऐसे मौजूदा कानून जिनके तहत अपराधियों के खिलाफ सुनवाई चल रही है, उसमें प्रतिभूतिकरण और वित्‍तीय परिसंपत्तियों का पुनर्गठन एवं प्रतिभूति हितों का प्रवर्तन अधिनियम कानून, 2002 सरफेसी, बैंकों के बकाए ऋण की वसूली और वित्‍तीय संस्थान कानून तथा दिवाला एवं ण शोधन संहिता आईबीसी शामिल हैं।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement