नई दिल्ली। गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया का मालिकाना हक रखने वाले केके मोदी ग्रुप में पारिवारिक विवाद अब नए शिखर पर पहुंच गया है। ललित मोदी के बेटे एवं दूसरी सबसे बड़ी तंबाकू निर्माता कंपनी के निदेशक रुचिर ने कंपनी संचालन में गंभीर खामियों समेत अन्य दिक्कतों का आरोप लगाते हुए कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय से एसएफआईओ व सेबी जांच कराने की मांग की है।
केके मोदी के दो नवंबर 2019 के गुजरने के बाद उनके बेटे ललित मोदी ने अपने पिता द्वारा सृजित न्यासी पत्र की शर्तों के अनुसार पारिवारिक संपत्ति को बेचने का प्रयास किया। न्यास के विलेख में कहा गया है कि यदि परिवार व न्यासियों में सम्मति न हो तो इसकी संपत्तियां बेच दी जाएं। इस मामले में ललित की अपनी मां बीना मोदी, भाई समीर और बहन चारू भरतिया के साथ सहमति नहीं बन पाई।
बीना मोदी अभी गॉडफ्रे फिलिप्स की अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक हैं। इसके बाद ललित ने सिंगापुर के मध्यस्थता पंचाट में मामला दायर किया। यह अभी लंबित है। ललित मोदी अभी भगोड़ा घोषित हैं और लंदन में हैं। रुचिर मोदी ने कहा कि उन्होंने कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को एक एसएफआईओ (गंभीर कपट अन्वेषण कार्यालय) जांच की मांग करते हुए लिखा है कि कंपनी के संचालन में गंभीर अनियमितताएं हैं। उन्होंने कंपनी में सूचीबद्धता मानदंडों और कंपनी संचालन की अन्य कमियों के लिए बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) से जांच की भी मांग की।
रुचिर ने मंत्रालय, एसएफआईओ, सेबी और इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया को पत्र भेजे हैं। एक पत्र में वह बताते हैं कि उनकी दादी बीना सार्वजनिक शेयरधारकों द्वारा बाहर किए जाने के बावजूद कंपनी की अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक बनी हुई हैं।