नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लक्ष्मी विलास बैंक (Lakshmi Vilas Bank- LVB) को 16 दिसंबर तक मोरेटोरियम पर रखे जाने के कुछ घंटे बाद ही RBI ने लक्ष्मी विलास बैंक को डीबीएस बैंक इंडिया (DBS Bank) के साथ विलय करने की घोषणा की। इस विलय के बाद लक्ष्मी विलास बैंक के शेयरधारकों को कुछ भी नहीं मिलेगा, क्योंकि लक्ष्मी विलास बैंक का जो भी पेड अप शेयर कैपिटल यानी कंपनी के कुल शेयर हैं, उन्हें पूरी तरह राइट-ऑफ कर दिया जाएगा। लक्ष्मी विलास बैंक के शेयरधारकों ने RBI के इस फैसले की कड़ा विरोध किया है। वे बैंक के पेड-अप शेयर कैपिटल को राइट-ऑफ करने के RBI के फैसले पर दोबारा विचार करने को कह रहे हैं।
लक्ष्मी विलास बैंक के शेयरधारक और प्रवर्तक RBI के अधिकारियों से मिलेंगे और बैंक का DBS Bank के साथ विलय करने के फैसले पर दोबारा विचार करने को कहेंगे। बैंक के प्रवर्तकों का कहना है कि बैंक के पास इतना कैश है कि जमाकर्ताओं के पूरे पैसे लौटाए जा सकते हैं। अगर RBI अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं करता है और मर्जर के बाद लक्ष्मी विलास बैंक के शेयरधारकों को कुछ नहीं मिलेगा। ऐसे में लक्ष्मी विलास बैंक के प्रवर्तक और शेयरधारक RBI के फैसले के खिलाफ कोर्ट भी जा सकते हैं।
लक्ष्मी विलास बैंक के शेयर दो दिनों में 40 प्रतिशत गिरे
लक्ष्मी विलास बैंक के शेयरधारकों का कहना है कि अगर RBI उनकी बात नहीं सुनता है तो वे न्याय के लिए कोर्ट जाएंगे। लक्ष्मी विलास बैंक को मोरेटोरियम पर रखे जाने और DBS Bank में विलय की खबर के बाद शेयर बाजार में लक्ष्मी विलास बैंक के शेयरों का कोई खरीदार नहीं मिल रहा है और इसके एक शेयर की कीमत में दो दिनों में 40 प्रतिशत से ज्यादा की गिर गई है। गुरुवार को इसके एक शेयर की कीमत 10 रुपये हो गई, जो मंगलवार को करीब 16 रुपये थी।
शेयरधारकों को कुछ भी नहीं मिलेगा
RBI की ड्राफ्ट स्कीम के मुताबिक, इस विलय के बाद लक्ष्मी विलास बैंक का जो भी पेड अप शेयर कैपिटल है, उसे पूरी तरह राइट-ऑफ कर दिया जाएगा। इसका घाटा लक्ष्मी विकास बैंक के इक्विटी शेयर होल्डर्स को होगा। RBI ने कहा कि अभी लक्ष्मी विलास बैंक का नेटवर्थ निगेटिव है। ऐसे में इस विलय से बैंक के इक्विटी शेयर होल्डर्स को कोई पैसा नहीं मिलेगा और बैंक की वैल्यू जीरो मानी जाएगी। RBI ने कहा कि बैंक के पेड अप शेयर कैपिटल और रिजर्व के साथ सरप्लस और सिक्योरिटी प्रीमियर को भी राइट ऑफ किया जाएगा।
विलय से जमाकर्ताओं को होगा फायदा
RBI की योजना एक महीने के अंदर लक्ष्मी विलास बैंक का विलय DBS Bank के साथ करने की है। इससे LVB में पैसा जमा करने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलेगी और वे अपना पैसा आसानी से और तेजी से निकाल सकेंगे। साथ ही जो डिपोजिटर बैंक में ही अपना पैसा रखना चाहेंगे, उनका पैसा भी सुरक्षित रहेगा। अभी LVB पर मोरेटोरियम लागू होने के कारण जमाकर्ता सिर्फ 25,000 रुपये निकाल सकते हैं। लक्ष्मी विलास बैंक को किसी जमाकर्ता को 25,000 रुपये से अधिक देने के लिए RBI से मंजूरी लेनी होगी। इस विलय के बाद जो जमाकर्ता बैंक में अपना पैसा नहीं रखना चाहेंगे, DBS Bank उनका पूरा पैसा लौटा देगा।