नई दिल्ली। श्रम मंत्रालय चार नयी श्रम संहिताओं को लागू करने के लिए उनसे संबंधित नियमों को इस सप्ताह अंतिम रूप दे सकता है। इन संहिताओं को लागू करने से देश के श्रम बाजार में सुधरे नियमों-अधिनियमों का नया दौर शुरू होगा। इसके अलावा मंत्रालय असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के पंजीकरण एवं कल्याण के लिए एक इंटरनेट-पोर्टल तैयार कर रहा है। अधिकारियों के अनुसार यह पोर्टल जून तक तैयार हो सकता है। इस पोर्टल पर असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के पंजीकरण और उनके लिए अन्य सुविधाएं प्रदान की जा सकती हैं। इनमें ठेके या मुक्तरूप से काम करने वाले श्रमिकों और ‘प्लेटफार्म’ श्रमिकों जैसे कर्मियों का पंजीकरण किया जाएगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में इस प्रकार के वेब-पोर्टल की स्थापना का उल्लेख किया था। श्रम सचिव अपूर्व चंद्र ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ नियम बनाए जा रहे हैं और उम्मीद है कि इस काम को आने वाले सप्ताह में पूरा कर लिया जाएगा। इस संबंध में सभी संबद्ध पक्षों से विचार विमर्श किया गया है।’’ उन्होंने कहा यह मंत्रालय जल्दी ही इस स्थिति में होगा कि चारों नयी संहिताओं को लागू किया जा सके। इनमें वेतन/मजदूरी संहिता, औद्योगिक संबंधों पर संहिता, काम विशेष से जुड़ी सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यस्थल की दशाओं (ओएसएच) पर संहिता, तथा सामाजिक सुरक्षा संहिता शामिल हैं। श्रम मंत्रालय ने चारों संहिताओं को अप्रैल से लागू करने की योजना बनाई है। मंत्रालय ने श्रम कानूनों में सुधार के लिए कुल 44 तरह के पुराने श्रम कानूनों को चार वृहद संहिताओं में समाहित किया है और उन्हें लागू करने की प्रक्रिया के आखिरी चरण में है।
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अधिकारियों के अनुसार मंत्रालय इन कानूनों को एक ही साथ लागू करना चाहता है। पोर्टल के बारे में चंद्रा ने बताया कि पोर्टल तैयार करने का काम चालू है और यह जून तक शुरू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल पर अल्पकालिक ठेकों या काम के आधार पर सेवाएं देने वाले कर्मियों, निर्माण क्षेत्र में कार्यरत मजदूरों और दूसरे राज्यों से मजदूरी के लिए आने वाले श्रमिकों से संबंधित सूचनाएं जुटायी जाएगी। इस पर ऐसे मजदूरों के पंजीकरण की सुविधा होगी। उन्हें एक साल के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत मुफ्त बीमा संरक्षण दिया जाएगा। चंद्रा ने यह भी बताया कि श्रम ब्यूरो चार नए सर्वे कराएगा जो दूसरे राज्यों से आने वाले मजदूरों, घरेलू श्रमिकों , पेशेवरों तथा परिवहन क्ष्रेत्र द्वारा सृजित रोजगार से संबंधित होंगे। ब्यूरो प्रतिष्ठानों पर आधारित एक अखिल भारतीय रोजगार सर्वेक्षण (एआईईईएस) शुरू कराएगा।