नई दिल्ली। दिग्गज बैंकर और नवविकास बैंक (एनडीबी) के अध्यक्ष के वी कामत ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के सहयोगी बैंकों के मूल बैंक में विलय को एक अच्छा पहला कदम बताया है। उन्होंने कहा कि बढ़ती अर्थव्यवस्था की जरूरतों को पूरा करने के लिए बड़े बैंकों में और एकीकरण की गुंजाइश है। कामत ने गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) की समस्या से निपटने को बैड बैंक की स्थापना की जरूरत बताते हुए कहा कि बैंकिंग क्षेत्र को इसकी जरूरत है। हालांकि, इसकी स्थापना वित्तपोषण की उचित व्यवस्था करने के बाद की जानी चाहिए।
शंघाई स्थित बहुपक्षीय संस्थान नव विकास बैंक के पहले प्रमुख कामत ने कहा, यदि आप हमारी अर्थव्यवस्था का आकार देखें, तो हमें कुछ और बड़े बैंकों की जरूरत है। ऐसे में निश्चित रूप से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में एकीकरण की जरूरत है, साथ ही निजी क्षेत्र में भी ऐसा किया जा सकता है। अर्थव्यवस्था की जरूरत को पूरा करने के लिए हमें अधिक बड़े बैंकों की जरूरत है।
कामत यहां ब्रिक्स के नवविकास बैंक की दूसरी सालाना बैठक के सिलसिले में आए थे। उन्होंने कहा कि भारत में बैंकों को या तो खुद अपने विकास के जरिए उस स्तर तक जाने की जरूरत है या फिर वे एकीकरण की प्रक्रिया अपना सकते हैं।
एसबीआई के पांच सहायक बैंकों स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद के मूल बैंक में विलय पर कामत ने कहा कि व्यापक रूप से एकीकरण हुआ है। ऐसे में यह अच्छा पहला कदम है।