नई दिल्ली। कल्पतरू पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड (केपीटीएल) ने अपनी अलीपुरद्वारा ट्रांसमिशन लिमिटेड (एटीएल) को बेचने के लिए अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड के साथ एक बाध्यकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह सौदा 1286 करोड़ रुपए की एंटरप्राइज वैल्यू पर होगा। दोनों कंपनियों की ओर से कहा गया है कि यह सौदा जरूरी नियामकीय मंजूरियों पर निर्भर करेगा।
अलीपुरद्वार ट्रांसमिशन लिमिटेड की स्थापना भूटान में नए हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट से भारत में बिजली लाने के लिए इंटर-स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम के तहत की गई थी। इस प्रोजेक्ट में 325 किलोमीटर की 400 केवी ट्रांसमिशन लाइन की डिजाइन, फाइनेंसिंग, कंस्ट्रक्शन, कमीशनिंग, ऑपरेशन और मैंटेनेंस शामिल है।
अलीपुरद्वार ट्रांसमिशन लिमिटेड ने यह प्रोजेक्ट बूम आधार पर एक प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्मय से आरईसी ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट्स कंपनी लिमिटेड से 35 साल के लिए हासिल किया था। अलीपुरद्वार केपीटीएल की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है। ईवाई और खेतान एंड कंपनी इस सौदे के लिए केपीटीएल के सलाहकार हैं।
केपीटीएल के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ मनीष मोहनत ने कहा कि टीएंडडी संपत्ति को बेचना हमारी बनाने, संचालित करने और तय समय के भीतर उसे बेचने की क्षमता को प्रदर्शित करता है। हमने अपने सभी टीएंडडी संपत्तियों जैसे एटीएल, कोहिमा और झज्जर ट्रांसमिशन संपत्ति के लिए समझौता किया है। वित्त वर्ष 2019-20 में हमनें सतपुड़ा ट्रांसमिशन संपत्ति की बिक्री और ट्रांसफर को पूरा किया। अब हम वित्त वर्ष 2020-21 में शेष संपत्तियों की बिक्री पूरी करने पर अपना ध्यान लगा रहे हैं। टीएंडडी संपत्तियों की बिक्री वैश्विक ईपीसी बाजार में केपीटीएल की विकास रणनीति को तेज गति प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे शेयरधारकों के मूल्य को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।