नई दिल्ली। फेस्टिव सीजन की शुरुआत के साथ ही निजी क्षेत्र के कोटक महिंद्रा बैंक ने अपने होम लोन पर ब्याज दर को घटाकर सात प्रतिशत करने की घोषणा की है। यह बाजार में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी रखने वाले भारतीय स्टेट बैंक के बराबर है। निजी क्षेत्र के बैंक ने अपनी त्योहारी पेशकश खुशी का सीजन के तहत कई और पेशकश की हैं। इसमें लोन पर प्रोसेसिंग शुल्क से छूट और रिटेल एवं कृषि ऋण उत्पादों पर तेजी से ऑनलाइन मंजूरी शामिल है।
गौरतलब है कि बैंकों और वित्तीय कंपनियों के कई प्रयासों के बावजूद ऋण वृद्धि दर कई साल के निचले स्तर पर यानी छह प्रतिशत से नीचे बनी हुई है। कोटक महिंद्रा बैंक की उपभोक्ता बैंकिंग अध्यक्ष शांति एकंबरम ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था स्थिर तरीके से सामान्य होने की तरफ बढ़ रही है। ग्राहकों का भरोसा और मांग लौटने के शुरुआती संकेत दिख रहे हैं। यह नई योजना अगले एक महीने तक रहेगी और ग्राहकों की जरूरत को पूरा करेगी।
बैंक ने कहा कि होम लोन की शुरुआत 7 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर के साथ होगी। एसबीआई में 30 लाख रुपए तक के होम लोन पर प्रभावी ब्याज दर 7 प्रतिशत है और महिलाओं होम लोन पर 0.05 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। कोटक महिंद्रा बैंक ने कार लोन, टू-व्हीलर लोन और कृषि लोन, कॉमर्शियल व्हीकल और कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट फाइनेंस पर भी प्रोसेसिंग फीस में 50 प्रतिशत छूट देने की घोषणा की है। नया सेविंग बैंक एकाउंट खोलने वाले उपभोक्ताओं को बैंक की ओर से 250 रुपए का वाउचर दिया जाएगा, जिसका इस्तेमाल फ्लिपकार्ट या अमेजन पर खरीदारी के लिए किया जा सकेगा।
RBI ने रीयल एस्टेट क्षेत्र में ऋण प्रवाह बढ़ाने के लिए उठाए कदम
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आवास ऋण को बढ़ावा देने के इरादे से हाल में घोषित उपायों को अमल में लाने की शुक्रवा को पहल की। इसके तहत कर्ज-मूल्य अनुपात (एलटीवी) यानी मूल्य के अनुपात में दिए जाने वाले आवास ऋण के लिए जोखिम भारांश को युक्तिसंगत बनाया गया है। यह नई व्यवस्था 31 मार्च, 2022 तक मंजूर किए जाने वाले सभी आवास ऋण पर लागू होगी। इससे एक तरफ जहां बैंकों के पास रीयल एस्टेट क्षेत्र को कर्ज देने के लिए अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध होगी, वहीं वे ग्राहकों को लाभ देने के लिए ब्याज भी कम कर सकेंगे।
आरबीआई की इस संबंध में जारी अधिसूना के अनुसार जहां मकान के मूल्य के समक्ष कर्ज यानी एलटीवी 80 प्रतिशत से कम है तो नए आवास ऋण पर जोखिम भारांश 35 प्रतिशत होगा। वहीं एलटीवी 80 प्रतिशत से अधिक है लेकिन 90 प्रतिशत से कम है तो जोखिम भारांश 50 प्रतिशत होगा। आरबीआई ने कहा कि इस उपाय से रीयल एस्टेट क्षेत्र मे बैंक कर्ज को गति मिलने की उम्मीद है। इस क्षेत्र में रोजगार सृजन तथा दूसरे उद्योगों के जुड़े होने को देखते हुए यह आर्थिक पुनरूद्धार के लिए महत्वपूर्ण है।
अधिसूचना में कहा गया है कि मौजूदा आर्थिक नरमी की स्थिति से निपटने के लिए जोखिम भारांश को युक्तिसंगत बनाने का फैसला किया गया है। यह नई व्यवस्था अधिसूचना जारी होने की तारीख से लेकर 31 मार्च, 2022 तक मंजूर होने वाले सभी आवास ऋण पर लागू होगी। यानी इससे बैंकों को प्रत्येक आवास ऋण पर जाखिम के लिहाज से पहले जो ऊंचा प्रावधान करना होता था वह अब कम होगा। इससे उनका बोझ कम होगा। इस प्रकार के कर्ज पर 0.25 प्रतिशत का मानक संपत्ति प्रावधान पहले की तरह लागू रहेगा। इस बारे में एनरॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि एलटीवी अनुपात संपत्ति के मूल्य को दिए जाने वाले कर्ज की राशि से भाग देकर निकाला जाता है। उदाहरण के तौर पर यदि कोई 80 लाख रुपए का मकान खरीदता है और उसके लिए 10 लाख रुपए का शुरुआती भुगतान करता है तब उसे 70 लाख रुपए कर्ज लेना है।