नई दिल्ली। देश के रियल्टी सेक्टर की हालत तमाम प्रयासों के बावजूद सुधर नहीं रही है। आज दो रिपोर्ट आईं जो रियल एस्टेट इंडस्ट्री की सच्ची तस्वीर को दिखाती हैं। एक रिपोर्ट में जहां कोलकाता जैसे मेट्रो शहर में मकानों की कीमत 12 प्रतिशत घटने की बात कही गई हैं, वहीं दूसरी रिपोर्ट में देश के प्रमुख नौ शहरों में पिछले साल घरों की बिक्री में आई गिरावट का उल्लेख किया गया है।
संपत्ति मामलों में परामर्श देने वाली कंपनी नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट के मुताबिक 2017 की दूसरी छमाही के दौरान कोलकाता में मकानों की कीमतों में 12 प्रतिशत तक की गिरावट आई है, जबकि नई आवासीय परियोजनाएं शुरू किए जाने के काम में 57 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि शहर में संगठित आवासीय परियोजनाओं में प्रभावी कीमतों में 12 प्रतिशत की गिरावट आई है, इसमें निर्माणकर्ताओं द्वारा आधार मूल्य में कमी किए जाने के साथ-साथ स्टाम्प शुल्क जैसे शुल्कों को हटाया जाना भी शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार आज की तारीख में, कोलकाता में संगठित क्षेत्र की इकाइयों द्वारा विकसित आवासीय परियोजनाओं में मकानों की अनबिकी संख्या करीब 40,000 है।
रियल्टी पोर्टल प्रॉपटाइगर की रिपोर्ट के मुताबिक नए रियल्टी कानून के असर तथा मांग में गिरावट आने से देश के शीर्ष नौ शहरों में 2017 में आवास बिक्री में 17 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, नौ भारतीय शहरों गुड़गांव, नोएडा, मुंबई, बेंगलुरू, चेन्नई, कोलकाता, पुणे, हैदराबाद और अहमदाबाद में पिछले साल 2,18,500 आवासीय इकाइयां बेची गईं। वर्ष 2016 में यह बिक्री 2,63,500 इकाई रही थी।
नई आवासीय परियोजनाओं की पेशकश भी 2016 के 2,88,748 इकाइयों से 43 प्रतिशत गिरकर 2017 में 1,63,573 पर आ गई है। रिपोर्ट के अनुसार शीर्ष नौ शहरों में बिक्री में नई पेशकश की भारी गिरावट की तुलना में 17 प्रतिशत की ही कमी आई है। बिक्री में गिरावट की मुख्य वजह नई परियोजनाओं में आई कमी है।