नई दिल्ली। आईसीआईसीआई बैंक की ओर से कराई गई स्वतंत्र जांच में बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चंदा कोचर को बैंक की आचार संहिता का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया है।
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी एन श्रीकृष्णा की समिति ने बुधवार को अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोचर के स्तर पर वार्षिक खुलासों की जांच-पड़ताल में ढिलाई बरती गई और आचार संहिता का उल्लंघन किया गया।
रिपोर्ट के आधार पर बैंक के निदेशक मंडल ने बैंक की आंतरिक नीतियों के तहत कोचर के इस्तीफे को उनकी गलतियों पर बर्खास्तगी के तौर लेने का फैसला किया है। आईसीआईसीआई बैंक ने कहा कि स्वतंत्र जांच में यह पाया गया कि बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर ने आचार संहिता का उल्लंघन किया। आईसीआईसीआई बैंक ने कहा कि कोचर के इस्तीफे को उनके गलत कृत्य के लिए बर्खास्तगी के तौर पर लिया जाएगा और बोनस सहित उनके अन्य भुगतानों को रोका जाएगा।
कोचर ने कहा, बर्खास्तगी से हैरान और दुखी हूं
चंदा कोचर ने बैंक द्वारा उनके इस्तीफे को गंभीर गलतियों के लिए बर्खास्तगी के तौर पर लेने के फैसले को लेकर हैरानी, निराशा और दुख जताया है। बैंक निदेशक मंडल ने इसके साथ ही 2009 से कोचर को दिए गए बोनस को वापस लेने के लिए कहा है। कोचर ने कहा कि उन्होंने पूरी मेहनत और निष्ठा के साथ 34 साल तक आईसीआईसीआई समूह की सेवा की है और बैंक के ताजा फैसले से उन्हें बहुत दुख और तकलीफ पहुंची है।
कोचर ने बयान में कहा कि बैंक में कर्ज देने का कोई भी निर्णय एकतरफा नहीं होता है। बैंक ने पूरी प्रक्रिया और प्रणाली स्थापित की है, जिसमें एक समिति आधारित सामूहिक निर्णय लिया जाता है।
उन्होंने दावा किया कि बैंक का संगठनात्मक ढांचा और संरचना हितों के टकराव की संभावना को कम करता है। कोचर ने कहा कि मैंने अपने करियर को पूरी ईमानदारी के साथ आगे बढ़ाया है। एक पेशेवर के रूप में मुझे अपने आचरण पर पूरा विश्वास है। मुझे पूरा भरोसा है कि अंत में सत्य की जीत होगी।