Wednesday, November 20, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. RBI के गिरते रेट से बढ़ता फायदा... लेकिन किसका, आम आदमी या कॉरपोरेट्स?

RBI के गिरते रेट से बढ़ता फायदा... लेकिन किसका, आम आदमी या कॉरपोरेट्स?

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से 29 सितंबर को रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती के बाद तमाम ग्राहक सस्ते होम और ऑटो लोन की आस लगाए बैठे थे?

Abhishek Shrivastava
Updated on: October 07, 2015 6:39 IST
RBI के गिरते रेट से बढ़ता फायदा… लेकिन किसका, आम आदमी या कॉरपोरेट्स?- India TV Paisa
RBI के गिरते रेट से बढ़ता फायदा… लेकिन किसका, आम आदमी या कॉरपोरेट्स?

नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से 29 सितंबर को रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती के बाद तमाम ग्राहक सस्ते होम और ऑटो लोन की आस लगाए बैठे थे? लेकिन इनकी उम्मीदों को कल झटका तब लगा जब देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने नए ग्राहकों के लिए होम लोन ऊंची दरों पर देने की बात कही। एसबीआई चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा कि नए होम लोन ग्राहकों को हाल ही बैंक की ओर से की गई 40 आधार अंकों की कटौती का पूरा फायदा नहीं मिलेगा। उनके लिए बेस रेट में केवल 15-20 आधार अंकों की ही कटौती की जाएगी। ऐसा इसलिए होगा क्यों कि बैंक नए लोन पर अपने बेस रेट में मार्जिन भी जोड़ेगा। हालांकि, बैंक के पुराने ग्राहकों को बेस रेट में पूरी कटौती का फायदा मिलेगा।

ऐसे में सवाल यह उठता है कि गिरती ब्याज दरों का असल फायदा हुआ किसे? 20 से 30 लाख का होम लोन लेने वाले बड़े तबके को या भारी कर्ज के बोझ तले दबी उन कंपनियों को जो करोड़ो रुपए हर माह ब्याज की अदायगी में दे देती हैं। ऐसे में ब्‍याज दरों में थोड़ी सी भी कमी आने पर इसका बड़ा फायदा कॉरपोरेट्स को मिल जाता है।

बैंकों को मिला ज्‍यादा, ग्राहकों को दिया कम

साल 2015 की शुरुआत से अब तक आरबीआई रेपो रेट में चार बार कटौती कर कुल 125 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर चुका है, जबकि देश के प्रमुख बैंकों ने औसतन अपने बेस रेट में अभी तक केवल 25-30 आधार अंकों की ही कटौती की है। रेपो रेट वह है जिस पर बैंक आरबीआई से कर्ज लेते हैं। इस आधार पर देखें तो बैंकों को मिलने वाला लोन तो 1.25 फीसदी सस्‍ता हो गया, लेकिन बैंकों ने अपने ग्राहकों को केवल 0.25-0.30 फीसदी का ही फायदा दिया।

बैंक उठाते हैं खुद ज्‍यादा फायदा

रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्‍स एंड रिसर्च का कहना है कि आरबीआई द्वारा नीतिगत दरों में की गई कटौती का फायदा उपभोक्‍ताओं को नहीं मिला है। आरबीआई ने इस वर्ष नीतिगत दरों में अब तक 1.25 फीसदी की कटौती की है। वहीं बैंकों ने ब्‍याज दरों में औसतन 0.50 फीसदी की कटौती की है। इसके अलावा बैंकों ने सावधी जमा (एफडी) की ब्‍याज दरों में 1.30 फीसदी तक की कमी की है। ऐसे में रिजर्व बैंक की कटौती के अनुपात में बैंकों ने कर्ज सस्‍ता नहीं किया है।

ताजा कटौती के बाद आम आदमी को मिला क्‍या

29 सितंबर को आरबीआई की ओर से रेपो रेट में 50 आधार अंक की कटौती के बाद आम आदमी को ज्‍यादा फायदा नहीं हुआ है। क्‍योंकि इस बार भी बैंकों ने रेट कट का पूरा फायदा ग्राहकों को नहीं दिया है। इसे उदाहरण से समझिए 10.50 फीसदी ब्‍याज दर पर 20 साल के लिए लिए गए 30 लाख रुपए होम लोन की ईएमआई 29951 रुपए है। अब यदि बैंकों ने इसमें 0.25 फीसदी की कमी की तो नई ईएमआई होगी 29449 रुपए। इससे प्रति माह बचत हुई केवल 506 रुपए की।

कॉरपोरेट्स की हुई बड़ी बचत

आरबीआई के रेट कट के बाद ऐसी कंपनियां जिन पर कर्ज का बोझ सबसे ज्यादा है उन्हे सबसे ज्यादा फायदा हुआ। मान लीजिए किसी एक कंपनी ने 100 करोड़ रुपए का कर्ज 20 साल के लिए 10.5 फीसदी की दर से लिया तो उसकी ईएमआई बनी 99.83 लाख रुपए की। अब इसी कर्ज पर यदि ब्‍याज दर घटकर हो गई 10.25 फीसदी तो ईएमआई भी घटकर हो गई 98.16 लाख रुपए। इस तरह कंपनी को एक महीने में हो गया 1.67 लाख रुपए का फायदा।

आरबीआई ने कब-कब की कटौती

repo rate

बढ़ता एनपीए है बैंकों की समस्‍या

कॉमर्शियल बैंकों द्वारा आरबीआई के मुताबिक इंटरेस्‍ट रेट में कटौती न करने की सबसे बड़ी वजह है बढ़ता एनपीए। इसकी वजह से बैंकों के मार्जिन पर भारी दबाव है। इसकी वजह से भी बैंक ब्‍याज दरों में पूरी कटौती नहीं कर रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2015 तक कॉमर्शियल बैंकों का कुल एनपीए बढ़कर 3.02 लाख करोड़ रुपए हो गया है, जो मार्च 2014 के 2.40 लाख करोड़ रुपए से 26 फीसदी ज्‍यादा है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement