नई दिल्ली। कल यानि कि 18 अप्रैल को अक्षय तृतीया है। इस दिन साने की खरीदारी सबसे शुभ मानी जाती है। यदि आप भी शादी या किसी अन्य कारण से हाल ही सोना खरीदने की तैयारी में तो बेहतर होगा कि आप अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर ही खरीदारी करें। वैसे देखा जाए तो भारतीयों द्वारा सोना या गोल्ड ज्वैलरी खरीदना एक परंपरा का हिस्सा है। हम ज्वैलरी को पसंद करने में घंटों लगा देते हैं लेकिन अक्सर हम कीमत को लेकर कभी कोई सवाल नहीं पूछते। आप आंख बंद कर ज्वैलर्स द्वारा बताई गई कीमत पर भरोसा नहीं कर सकते, क्योंकि यहां कई ऐसे फैक्टर्स हैं जो अंतिम मूल्य को प्रभावित करते हैं।
वर्तमान में यहां कोई एक स्टैंडर्ड पैटर्न नहीं है इसलिए अलग-अलग ज्वैलर्स के दाम भी अलग-अलग होते हैं। देश में कोई स्टैंडर्ड इनवॉइसिंग पैटर्न नहीं है इसलिए एक ज्वैलर्स से दूसरे ज्वैलर्स का बिलिंग सिस्टम अलग होता है। प्रत्येक शहर में अपना ज्वैलरी एसोसिएशन है और प्रतिदिन सुबह यही एसोसिएशन सोने की कीमत घोषित करती है, इसलिए हर शहर में सोने का भाव अलग-अलग होता है। आइए एक आम पैटर्न के बारे में जानते हैं जिसके आधार पर अधिकतर ज्वैलर्स अपनी दुकान पर सोने की कीमत की गणना करते हैं:
ज्वैलरी की अंतिम कीमत= सोने की कीमत (22 कैरेट या 18 कैरेट) X वजन ग्राम में+ मेकिंग चार्ज+ 3% जीएसटी (ज्वैलरी की कीमत+मेकिंग चार्ज)।
नीचे दिया गया उदाहरण आपको इसे समझने में और मदद करेगा:
मान लीजिए ज्वैलर्स द्वारा 22 कैरेट सोने का मूल्य 27,350 रुपए प्रति 10 ग्राम बताया जाता है। अब यदि आप एक 9.6 ग्राम की सोने की चेन खरीदते हैं तो इसकी कीमत इस प्रकार तय होगी:
1 ग्राम सोने का दाम= 27,350 को 10 से भाग दीजिए= 2,735 रुपए।
9.60 ग्राम सोने की चेन का दाम = 2,735X9.60= 26,256 रुपए।
10 प्रतिशत की दर से मेकिंग चार्ज = 2,625.60 रुपए (26,256 का 10 प्रतिशत)
3प्रतिशत की दर से जीएसटी= 866.44 रुपए (28,881.60 का 3 प्रतिशत)
अब अंतिम बिल की राशि होगी 29,748.40 रुपए (26,256 रुपए + 2,625.60 रुपए + 866.44 रुपए)
यहां कुछ चीजें हैं जिनका गोल्ड ज्वैलरी खरीदते समय आपको ध्यान रखना चाहिए
स्टडेड ज्वैलरी
जब हम कोई स्टडेड ज्वैलरी खरीदते हैं तो कुछ ज्वैलर्स पूरे आभूषण को एक साथ तौलकर उसको सोने की कीमत पर ही बेच देते हैं। यदि बाद में आप इसे बदलने या बेचने जाते हैं, तो वही ज्वैलर्स पत्थर के वजन को घटाकर सोने का ही मूल्य आपको देता है। इसलिए जब आप स्टडेड गोल्ड ज्वैलरी की खरीदारी करें तो आप यह जरूर देखें कि पूरे आभूषण के वजन पर सोने की कीमत की गणना में से डायमंड और जेमस्टोन के वजन को घटा दिया गया है या नहीं। बिल में डायमंड और जेमस्टोन की कीमत अलग से लिखी है या नहीं।
सोने की शुद्धता
गोल्ड ज्वैलरी विभिन्न कैरेट में उपलब्ध होती है। कैरेट सोने की शुद्धता मापने की एक इकाई है। 24 कैरेट सोना सोने का सबसे शुद्धतम रूप है लेकिन यह बहुत लचीला नहीं होता है इसलिए इसकी ज्वैलरी नहीं बनाई जाती। ज्वैलरी के लिए सबसे लोकप्रिय रूप 22 कैरेट है, जिसमें 91.6 प्रतिशत गोल्ड होता है। सोने को मजबूत और अधिक चलने वाला बनाने के लिए इसमें जिंक, कॉपर, कैडमिअम या चांदी मिलाई जाती है। इन तत्वों का मिश्रण अनुपात ही सोने के रंग को प्रभावित करता है।
सोने की कीमत
गोल्ड ज्वैलरी की कीमत दो चीजों पर निर्भर करती है 1) ज्वैलरी में सोने का हिस्सा जैसे 22 कैरेट या 18 कैरेट, 2) गोल्ड के साथ मिश्रित किए गए अन्य मेटल।
सोना एक्सचेंज पर प्रतिदिन ट्रेड होता है और मांग, आपूर्ति तथा अन्य विभिन्न कारक प्रतिदिन इसकी कीमतों पर असर डालते हैं। राष्ट्रीय स्तर पर शुद्ध सोने के भाव प्रतिदिन अधिकांश अखबार या वेबसाइट पर जारी किए जाते हैं। लेकिन विभिन्न ज्वैलर्स के गोल्ड रेट अलग-अलग होते हैं, जो इस पर निर्भर करते हैं कि उन्होंने सोना किससे खरीदा है और किस कीमत पर खरीदा है। हालांकि यह अंतर बहुत मामूली होता है।
इसे उदाहरण से समझते हैं: यदि सोने की कीमत 3300 रुपए प्रति ग्राम है तो 22 कैरेट सोने की कीमत होगी 3300X22/24= 3025 रुपए प्रति ग्राम। हालांकि, अन्य धातुएं भी ज्वैलरी को मजबूत बनाने के लिए मिलाई जाती हैं। इन धातुओं की कीमत 30 रुपए से 60 रुपए प्रति ग्राम तक होती है। इसलिए 22 कैरेट गोल्ड की रिटेल कीमत होगी 3025+60= 3085 रुपए प्रति ग्राम।
मेकिंग चार्ज
मेकिंग चार्ज इस बार पर निर्भर करता है कि आप किस तरह की ज्वैलरी खरीद रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रत्येक आभूषण को बनाते समय अलग तरह की कटिंग स्टाइल और फिनिशिंग की आवश्यकता होती है। मेकिंग चार्ज मानव निर्मित या मशीन निर्मित के आधार पर भी तय होता है। मशीन निर्मित ज्वेलरी की कीमत अक्सर मानव निर्मित की तुलना में कम होती है। ग्राहक मेकिंग चार्ज को लेकर ज्वैलर्स के साथ मोलभाव कर सकते हैं। ऐसा इसलिए संभव है क्योंकि इस तरह के शुल्क का प्रतिशत का कोई एक स्टैंडर्ड नहीं होता है।
बीआईएस हॉलमार्क
गोल्ड ज्वैलरी की शुद्धता को प्रमाणित करने के लिए हॉलमार्किंग की जाती है। हॉलमार्किंग ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) द्वारा की जाती है। बीआईएस प्रत्येक ज्वैलरी पर हॉलमार्क का निशान फिटनेस नंबर के साथ लगाती है।