कोयम्बटूर। तिरूपुर से निटवियर (सिले-सिलाए और बुने कपड़ों) उत्पादों का निर्यात चालू वित्त वर्ष में 30,000 करोड़ रुपए को पार कर सकता है। पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में यह आंकड़ा 26,300 करोड़ रुपए रहा है। प्रमुख निर्यातक और इंडिया इंटरनेशनल निट फेयर के चेयरमैन ए शक्तिवेल ने यह जानकारी दी है।
शक्तिवेल ने संवाददाताओं से कहा कि अप्रैल 2019 के दौरान निर्यात 4,400 करोड़ रुपए से अधिक का रहा है, जो काफी उत्साहजनक संकेत है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा अमेरिका द्वारा चीन से आयातित कुछ सामानों पर शुल्क बढ़ाए जाने से भारत लाभ की स्थिति में है। कई खरीदार और विनिर्माता सिले-सिलाए कपड़ों और इससे बने अन्य उत्पादों के लिए भारत से संपर्क कर रहे हैं। शक्तिवेल ने कहा कि इतना ही नहीं कपास जैसे कच्चे माल के मामले में भी भारत की स्थिति मजबूत है।
उन्होंने कहा कि यूरोपीय संघ के साथ मुक्त समझौते के लिए निर्यातकों की लंबे समय से लंबित मांग पूरी होती है तो यूरोप के देशों में निर्यात अगले तीन साल में दोगुना हो सकता है। इसके अलावा कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के साथ इसी प्रकार के समझौतों से निर्यात को गति मिलेगी।
शक्तिवेल ने कहा कि तीन दिवसीय 46वां अंतरराष्ट्रीय निट फेयर तिरूपुर में 15 मई को शुरू होगा। इसके लिए 42 खरीदारों और 90 अंतरराष्ट्रीय खरीदारों ने भागीदारी की पुष्टि की है।