नई दिल्ली। खरीफ बुवाई का काम समाप्त होने के करीब है। बेहतर मानसून और दलहन की ऊंची कीमतों के चलते इस बार दलहन बुवाई का रकबा करीब 33 प्रतिशत बढ़कर 142.02 लाख हेक्टेयर हो गया। दलहन बुवाई का रकबा पिछले सत्र की इसी अवधि में 106.02 लाख हेक्टेयर था। बुवाई के रकबे में वृद्धि को देखते हुए दलहन उत्पादन बढ़ने और इससे दलहन कीमतों के नरम पड़ने की उम्मीद है।
सरकार को फसल वर्ष 2016-17 (जुलाई से जून) में दलहन उत्पादन बढ़कर दो करोड़ टन होने की उम्मीद है, जो उत्पादन पिछले वर्ष 1.64 करोड़ टन हुआ था। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार दलहन बुवाई का रकबा पर्याप्त रूप से राजस्थान में बढ़ा है, जहां इसकी खेती 32.88 लाख हेक्टेयर में की गई है, जिसके बाद महाराष्ट्र में इसकी बुवाई 25.27 लाख हेक्टेयर में, मध्य प्रदेश में 21 लाख हेक्टेयर में और कर्नाटक में 17.8 लाख हेक्टेयर में दलहनों की बुवाई की गई है। आंकड़ें दर्शाते हैं कि आंध्र प्रदेश, गुजरात और झारखंड में दलहन बुवाई का रकबा बढ़ा है। इस बीच कर्नाटक और राजस्थान के कुछ हिस्सों में मूंग फसल की कटाई शुरू हो गई है और किसानों की ओर से घबराहटपूर्ण बिकवाली को रोकने के लिए सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर इसकी खरीद करने की तैयारी कर रही है।
खरीफ फसलों की बुआई का रकबा 1000 लाख हेक्टेयर के पार, दालों का बुवाई क्षेत्र 34 फीसदी बढ़ा
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार तिलहन बुवाई का रकबा अभी तक मामूली सुधार के साथ 179.60 लाख हेक्टेयर हो गया, जो पूर्व वर्ष की समान अवधि में 178.67 लाख हेक्टेयर था। प्रमुख खरीफ फसल धान की बुवाई का रकबा भी मामूली वृद्धि के साथ 372.95 लाख हेक्टेयर हो गया, जो पहले 364.43 लाख हेक्टेयर था। मोटे अनाज की बुवाई का रकबा 184.13 लाख हेक्टेयर है जो पिछले साल 175.59 लाख हेक्टेयर था।
हालांकि गन्ना के बुवाई का रकबा पहले के 49.60 लाख हेक्टेयर से घटकर 45.57 लाख हेक्टेयर रह गया। कपास के बुवाई का रकबा भी घटकर 101.96 लाख हेक्टेयर रह गया, जो पहले 114.17 लाख हेक्टेयर था। जूट और मेस्ता का रकबा पहले के 7.73 लाख हेक्टेयर से घटकर 7.56 लाख हेक्टेयर रह गया। खरीफ फसलों की बुवाई का कुल रकबा पिछले साल के 997.11 लाख हेक्टेयर से बढ़कर इस बार 1,033.99 लाख हेक्टेयर हो गया। खरीफ फसलों की बुवाई का काम जून में दक्षिण पश्चिम मानसून के आरंभ के साथ शुरू होता है और कटाई का काम अक्टूबर महीने से शुरू होता है।