नई दिल्ली। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कहा कि कृषि क्षेत्र पर कोरोना वायरस महामारी का अधिक असर नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि 2020-21 के खरीफ सत्र में 1,445.2 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन होने का अनुमान है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 2019-20 के खरीफ सत्र के दौरान खाद्यान्न उत्पादन 1,433.8 लाख टन था। अभी देश में खरीफ फसलों की कटाई चल रही है। चावल मुख्य खरीफ फसल है।
तोमर ने उद्योग संगठन सीआईआई द्वारा आयोजित एक डिजिटल सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि खाद्यान्न उत्पादन पिछले साल की तुलना में बेहतर होगा। शुरुआती अनुमानों के अनुसार, 2020-21 खरीफ सीजन में खाद्यान्न उत्पादन 1,445.2 लाख टन होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि गन्ने और कपास जैसी नकदी फसलों का उत्पादन भी अच्छा होने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के बावजूद इस वर्ष खरीफ फसलों की बुवाई क्षेत्र में रिकॉर्ड 4.51 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह 1,121.75 लाख हेक्टेयर हो गया है। तोमर ने कहा कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार है। वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही के दौरान भी यह क्षेत्र 3.4 प्रतिशत बढ़ा है। नए कृषि कानूनों पर, मंत्री ने कहा कि किसानों को सुधारों के बारे में गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने दोहराया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के साथ-साथ मंडियां देश भर में काम करती रहेंगी।
वहीं दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के 75 साल पूरे होने के मौके पर 75 रुपए का स्मारक सिक्का जारी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि एमएसपी पर खाद्यान्नों की खरीद देश की खाद्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने गेहूं, चावल की खरीद के सारे पुराने रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है। इस मौके पर मोदी ने खाद्यान्नों की बर्बादी के बारे में चिंता जताते हुए कहा कि हमारे देश में खाद्यान्नों की बर्बादी एक समस्या रही है। इस कमी को दूर करने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव किए गए हैं। इसके साथ ही देश में आवश्यक बुनियादी संरचनाएं लगाई जा रही हैं। प्रधानमंत्री ने दावा किया कि नए कृषि काननूों से किसानों की आय बढ़ेगी।