नई दिल्ली। मानसून देर से आने और बाद में कम बरसात होने के कारण वर्ष 2019-20 के खरीफ मौसम के मोटे अनाजों, दलहन, तिलहन और गन्ने के उत्पादन में और बड़ी गिरावट आने का अनुमान है। नेशनल बल्क हैंडलिंग कॉर्पोरेशन (एनबीएचसी) की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार खरीफ 2019-20 के खरीफ मौसम के मोटे अनाज, दालों, तिलहन और गन्ने का उत्पादन पिछले अनुमान की तुलना में क्रमश: 14.14 प्रतिशत, 14.09 प्रतिशत, 53.31 प्रतिशत और 11.07 प्रतिशत रह सकता है।
एनबीएचसी के प्रमुख अनुसंधान और विकास, हनीश कुमार सिन्हा ने कहा कि पिछले मानसून की बारिश अपने दीर्घावधिक औसत (एलपीए) से 110 प्रतिशत अधिक रही। सर्वाधिक बरसात क्रमश: मध्य भारत तथा दक्षिणी प्रायद्वीप, उत्तर-पश्चिम और उत्तर-पूर्व क्षेत्र में हुई। उन्होंने कहा कि 2019 में जुलाई के अंत और अगस्त के प्रारंभ में निरंतर बरसात के कारण 13 राज्यों में व्यापक बाढ़ देखी गई और कई खरीफ फसलों को भारी नुकसान पहुंचा।
उन्होंने कहा कि आकलन के अनुसार, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, असम, छत्तीसगढ़, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में धान और दलहनों की बुवाई सबसे अधिक प्रभावित हुई। मानसून के बाद की बारिस से खरीफ उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव बढ़ गया। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2019-20 में चावल का उत्पादन पिछले साल की तुलना में 8.21 प्रतिशत कम होने की उम्मीद है, जबकि मक्का में पिछले साल की तुलना में लगभग 11.86 प्रतिशत की गिरावट की उम्मीद है।
हालांकि, ज्वार का उत्पादन 1.07 प्रतिशत सुधरने की संभावना है, जबकि बाजरा में 1.98 प्रतिशत की गिरावट आने की संभावना है। मूंग का उत्पादन पिछले साल की तुलना में 27.38 प्रतिशत, उड़द का 18.38 प्रतिशत और तुअर (अरहर) का 10.47 प्रतिशत घटने का अनुमान है, जिसका मुख्य कारण राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश फसल को पहुंचा नुकसान है।
अक्टूबर और नवंबर बेमौसम बारिश के लंबे दौर के कारण दलहनों की उपज में उल्लेखनीय कमी आने वाली है। तिलहनी फसलों (सोयाबीन, मूंगफली, अरंडी के बीज, सूरजमुखी, तिल और नाइजर बीज) का उत्पादन पिछले साल के 212.78 लाख टन के उत्पादन से 23.78 प्रतिशत घटकर 162.18 लाख टन होने का अनुमान है। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में मानसून के अंत में अधिक बारिश के कारण सोयाबीन के उत्पादन में 32.27 प्रतिशत और मूंगफली में 9.57 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है।
सूरजमुखी जैसे तिलहनों के उत्पादन में 30.61 प्रतिशत और तिल में 21.48 प्रतिशत गिरावट आने का अनुमान है। गन्ने के उत्पादन में 21.98 प्रतिशत की कमी आने का अनुमान है, जबकि अनुकूल उत्पादन स्थितियों के कारण कपास में 3.28 प्रतिशत की मामूली वृद्धि होने का अनुमान है।