नई दिल्ली। भारतीय फार्मा नियामक ने 92 दवाओं और कॉम्बिनेशंस के दाम की समीक्षा की है और इसकी कीमतें तय की हैं। इनमें डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और कैंसर की दवाएं हैं जिसे स्थानीय कंपनियां सन फार्मा, डॉ रेड्डीज और ल्युपिन बनाती हैं। इन दवाओं में कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों के लिए एटॉरवास्टाटिन+क्लोपिडोग्रेल, ब्लड प्रेशर के लिए टेल्मिसार्टन+क्लोरथैलिडोन और कैंसर के इलाज के लिए ट्रास्टुजुमैब जैसे कॉम्बिनेशंस शामिल हैं।
नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने 13 अगस्त को जारी अपने आदेश में कहा है कि इन दवाओं के निर्माता वर्तमान नियमों के अनुसार इनकी खुदरा कीमतें तय करेंगे और इसमें वस्तु एवं सेवा कर तभी शामिल करेंगे अगर इसका भुगतान किया गया है या किया जाना है।
NPPA ने कहा है कि अगर इन दवाओं में से किसी की भी खुदरा कीमत नोटिफिकेशन के अनुसार नहीं होती हैं तो विनिर्माता या मार्केटिंग कंपनियों को अतिरिक्त राशि ब्याज के साथ जमा करवाने होंगे।
नियामक ने कहा है कि ब्रांडेड, जेनेरिक या दवाओं के दोनों वर्जन बेचने वाले विनिर्माता जो अधिकतम तय कीमत (प्लस जीएसटी) से अधिक कीमत पर इन दवाओं को बेच रहे हैं उन्हें कीमतों की समीक्षा करनी होगा। जो कंपनियां इन दवाओं को पहले से ही अधिकतम तय कीमत से कम कीमत पर बेच रही हैं उन्हें वर्तमान कीमत बरकरार रखनी चाहिए।