नई दिल्ली। एक साल पहले देश में लागू हुई नई टैक्स व्यवस्था गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) के तहत अभी तक जितनी वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स लग रहा है उनमें और वस्तुएं शामिल हो सकती हैं, खुद केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसके संकेत दिए हैं। वित्त मंत्री ने इसके अलावा भविष्य में GST की दरों के ढांचे को और आसान बनाने की बात भी कही है।
रविवार को GST को 1 साल पूरा होने के मौके पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फेसबुक पोस्ट मे लिखा है कि GST को लेकर सुधार के लिए हमेशा से गुंजाइश रहेगी और भविष्य में जिन मुख्य बातों पर ध्यान होगा उनमें GST की दरों को आसान बनाना और ज्यादा उत्पादों को इसके दायरे में करना प्रमुख है। वित्त मंत्री ने कहा कि उन्हें भरोसा है जब राजस्व में स्थिरता आएगी तो जीएसटी काउंसिल इसपर ध्यान देगी और सही फैसला करेगी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अर्थव्यवस्था पर पड़े GST के असर के बारे में भी जानकारी दी, फेसबुक पोस्ट में उन्होंने लिखा कि प्रत्यक्ष कर प्रणाली पर GST का प्रभाव पहले ही देखा जा रहा है, जिन्होंने अपने कारोबार का टर्नओवर घोषित किया हुआ है उन्हें आयकर के लिए अपनी आय के बारे में भी जानकारी देनी पड़ रही है और इस वजह से प्रत्यक्ष कर संग्रह में बढ़ोतरी हुई है। GST के तहत जुलाई 2017 से मार्च 2018 तक कुल 8.2 लाख करोड़ रुपए की उगाही हुई है, इसे अगर सालाना आधार पर देखें तो लगभग 11 लाख करोड़ रुपए बनता है, यानि टैक्स कलेक्शन में पिछले साल के मुकाबले 11.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
वित्त मंत्री ने यह भी लिखा कि सरकार ने टैक्स चोरी रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं और आगे चलकर टैक्स उगाही में इजाफा होने की उम्मीद है, ऐसे में मध्यम अवधि के दौरान GST की वजह से देश के टैक्स आधार में बढ़ोतरी होगी और इससे देश की GDP में अतीरिक्त 1.5 प्रतिशत का इजाफा होगा।