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जीएसटी पर हर आशंका का समाधान करने के लिए 6 दिन लगेंगी क्‍लासेस, सरकार की वस्तुओं की कीमत-आपूर्ति पर पैनी नजर

केंद्रीय राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने आज कहा कि जीएसटी के बाद सरकार वस्तुओं, खासकर जरूरी और दैनिक उपयोग वाले सामान की आपूर्ति और कीमत पर नजर रख रही है

Abhishek Shrivastava
Updated : July 04, 2017 19:35 IST
जीएसटी पर हर आशंका का समाधान करने के लिए 6 दिन लगेंगी क्‍लासेस, सरकार की वस्तुओं की कीमत-आपूर्ति पर पैनी नजर
जीएसटी पर हर आशंका का समाधान करने के लिए 6 दिन लगेंगी क्‍लासेस, सरकार की वस्तुओं की कीमत-आपूर्ति पर पैनी नजर

नई दिल्ली। जीएसटी पर सवाल-जवाब और किसी भी तरह की आशंकाओं के समाधान के लिए सरकार 6 दिनों की क्लास लगाने जा रही है। इसमें तीन दिन हिंदी और तीन दिन अंग्रेजी में क्लास होगी। जीएसटी लागू होने के बाद सरकार ग्राहकों में जागरूकता बढ़ाने की दिशा में यह कदम उठा रही है।  केंद्रीय राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने आज कहा कि जीएसटी के बाद सरकार वस्तुओं, खासकर जरूरी और दैनिक उपयोग वाले सामान की आपूर्ति और कीमत पर नजर रख रही है ताकि जीएसटी के क्रियान्‍वयन के बाद इसमें कोई समस्या खड़ी न होने पए।

पहली जुलाई से लागू किए गए वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के बारे में आशंकाओं को दूर करते हुए उन्होंने कहा कि छोटे व्यापारियों को बिल जारी करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि वे एकमुश्त योजना के अंतर्गत आते हैं और उन्हें एक तय कर का भुगतान करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि 75 लाख रुपए से अधिक कारोबार वाले बड़े व्यापारियों को बिल जारी करने की आवश्यकता है, लेकिन कम्‍प्‍यूटर जनित बिल देने की आवश्यकता नहीं है। इन्‍वॉइस संख्या के साथ हाथ से लिखा बिल काफी है और उसे रिटर्न में भरा जा सकता है। अधिया ने कहा कि सरकार ने कंपनियों को तीन महीने के लिए संशोधित कीमत दिखाने के लिए अतिरिक्त स्टिकर के उपयोग की अनुमति दी है।

जीएसटी लागू होने के बाद पहले से डिब्बाबंद वस्तुओं की कीमतों में संशोधन के बारे में कम-से-कम दो अखबारों में विज्ञापन देकर जानकारी दी जानी है। उसके बाद संशोधित एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) के लिए स्टिकर का उपयोग किया जा सकता है।

अधिया ने कहा कि पथकर, मंडी शुल्क और वाहनों के राज्यों में प्रवेश पर लगने वाला शुल्क जीएसटी में शामिल नहीं हैं और स्थानीय निकाय या राज्य सरकारें इसकी वसूली करती रहेंगी। वस्तुओं के प्रवेश से संबद्ध अन्य सभी शुल्क जीएसटी में समाहित हो गया है। इसके कारण 22 राज्यों में प्रवेश बाधा को समाप्त कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि जीएसटी के क्रियान्‍वयन के बाद किसी प्रकार की बाधा की कोई रिपोर्ट नहीं है। राजस्व सचिव ने कहा कि केंद्रीय निगरानी समिति में 15 प्रमुख सचिव शामिल हैं। स्थिति का जायजा लेने के लिए समिति की हर मंगलवार को बैठक होगी। इसके अलावा, संयुक्त सचिव, अतिरिक्त सचिव स्तर के 175 अधिकारियों में प्रत्येक को जीएसटी क्रियान्‍वयन की निगरानी के लिए 4-5 जिले दिए गए हैं।

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