नई दिल्ली। नाफेड यानि नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन जम्मू कश्मीर में उगने वाला केसर अब घर घऱ तक उपलब्ध करायेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऐलान किया कि जम्मू कश्मीर में होने वाला केसर देश भऱ में नाफेड की दुकानों पर उपलब्ध होगा। सरकार के इस फैसले से जम्मू कश्मीर में केसर की खेती को काफी मदद मिलेगी। महामारी की वजह से केसर के निर्यात पर असर पड़ने से किसानों को काफी नुकसान हुआ था, ऐसे में सरकार देश में ही केसर की मांग बढ़ाने पर जोर दे रही है, जिससे किसानों को ज्यादा विकल्प और कमाई के नये मौके मिलें।
किसानों की आय बढ़ाने पर सरकार का जोर
फिलहाल सरकार का जोर किसानों की आय बढ़ाने पर है, इसके लिये सरकार कई योजनाएं लेकर आ रही है। केसर की बिक्री इसी तरह का एक कदम है। किसानों को सम्मान निधि की नवीं किस्त जारी करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार किसानों को अतिरिक्त आय के साधन देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, मिशन हनी बी, ऐसा ही एक अभियान है, इसके चलते बीते साल देश से लगभग 700 करोड़ रुपए के शहद का एक्सपोर्ट किया गया है, जिससे किसानों को अतिरिक्त आय हुई है। जम्मू-कश्मीर का केसर तो वैसे भी विश्व प्रसिद्ध है, अब सरकार ने यह फैसला लिया है कि जम्मू-कश्मीर का केसर देशभर में नाफेड की दुकानों उपलब्ध होगा। इससे जम्मू-कश्मीर में केसर की खेती को बहुत प्रोत्साहन मिलने वाला है।
नाफेड बढ़ायेगी दुकानों की संख्या
किसानों के उत्पादों को सीधे ग्राहकों के पास पहुंचाने के लिये नाफेड भी अपनी दुकानों की संख्या बढ़ाने जा रही है। केंद्र सरकार की एजेंसी नेशनल एग्रीकल्चरल को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लि. (नाफेड) विभिन्न कृषि जिंसों की खरीद, प्रसंस्करण, वितरण, निर्यात और आयात का काम करती है। हाल ही में नाफेड अध्यक्ष ने कहा था कि नाफेड की योजना इस वित्त वर्ष के अंत तक देश के विभिन्न हिस्सों में नाफेड बाजार नाम से फ्रेंचाइजी मॉडल के तहत करीब 200 और स्टोर खोलने की है। नाफेड के दिल्ली में दस और शिमला में दो खुदरा बिक्री केन्द्र हैं। यह अस्पतालों, होटलों और सरकारी विभागों को किराना उत्पादों की संस्थागत बिक्री में भी शामिल है।
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