नई दिल्ली: नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों से हवाई अड्डों के लिए भूमि आवंटन जैसे विमानन बुनियादी ढांचे से संबंधित मामलों में तेजी लाने का अनुरोध किया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने शनिवार को कहा, "केंद्र सरकार द्वारा संचालित भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने अगले चार से पांच वर्षों में 20,000 करोड़ रुपये की लागत से देश में हवाई अड्डों के विकास और विस्तार की शुरुआत की है जिससे ग्राहकों की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके।"
पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन रंगासामी को लिखे पत्र में सिंधिया ने कहा कि एएआई को कुल 161.5 एकड़ जमीन की जरूरत है जिसमें से 104 एकड़ तमिलनाडु में और 57.5 एकड़ जमीन पुडुचेरी हवाई अड्डे पर रनवे का विस्तार करने और इसे संचालन के लिहाज से उपयुक्त बनाने के लिए चाहिए। इन दोनों राज्य सरकारों ने अभी तक एएआई को जमीन नहीं सौपी है। सिंधिया ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन को एक अलग पत्र लिख कर उनसे 88 एकड़ से अधिक जमीन सौंपने का अनुरोध किया।
एएआई को चेन्नई हवाई अड्डे पर बुनियादी ढांचे के काम के लिए इस जमीन की जरूरत है। इसके अलावा उन्होंने स्टालिन को बताया कि रनवे विस्तार, बुनियादी पट्टी, एप्रन, टर्मिनल भवन और संबंधित बुनियादी ढांचे के लिए एएआई को त्रिची हवाई अड्डे पर 642.18 एकड़ भूमि की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि अभी तक केवल 40.93 एकड़ जमीन एएआई को सौंपी गई है। जबकि शेष 642.18 एकड़ जमीन (त्रिची हवाईअड्डे पर) सौंपी जानी बाकी है।
इसके अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखे पत्र में सिंधिया ने कहा कि उदयपुर हवाई अड्डे पर 145 एकड़ जमीन, बीकानेर हवाईअड्डे पर 58.55 एकड़, जोधपुर हवाईअड्डे पर 55.9 एकड़, उत्तरलाई हवाईअड्डे पर 51 एकड़ में बुनियादी ढांचागत कार्यों के लिए योजना बनाई गई है। वही सिंधिया ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा कि अयोध्या हवाई अड्डे के चरणबद्ध विकास के लिए 660 एकड़ भूमि की आवश्यकता है। इसके अलावा गोरखपुर हवाई अड्डे पर नए सिविल एन्क्लेव के विकास के लिए 60 एकड़ भूमि और आगरा हवाई अड्डे पर सिविल एन्क्लेव के विस्तार के लिए 57 एकड़ भूमि की आवश्यकता है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लिखे पत्र में सिंधिया ने कहा कि एएआई ने बागडोगरा हवाई अड्डे के विकास के लिए 104.65 एकड़ भूमि की आवश्यकता का अनुमान लगाया है।