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अर्थव्यवस्था पर कोरोना की मार, कोर सेक्टर के उद्योगों में लगातार 5वें महीने बड़ी गिरवाट

July core sector Data: कोरोना संकट के बीच सोमवार को पेश होने वाले जीडीपी आंकड़ों का एक पूर्वानुमान कोर सेक्टर के आंकड़ों ने पेश कर दिया है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: August 31, 2020 15:12 IST
Core Sector- India TV Paisa
Photo:FILE

Core Sector

कोरोना संकट के बीच सोमवार को पेश होने वाले जीडीपी आंकड़ों का एक पूर्वानुमान कोर सेक्टर के आंकड़ों ने पेश कर दिया है। कोर सेक्टर के 8 उद्योगों के सूचकांक में लगातार 5वें महीने गिरावट दर्ज की गई है। जुलाई में जुलाई कोर सेक्टर जून में 12.9% के मुकाबले 9.6% तक सिकुड़ गया है। लगातार घटती मांग और उत्पादन का यह सिलसिला पिछले 5 महीनों से जारी है। बता दें कि इससे पहले आठ कोर उद्योगों का सूचकांक मई में 22% गिरा था। वहीं अप्रैल में इसमें 37% की गिरावट आई थी। 

बता दें कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय सोमवार को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुमान जारी करेगा। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस की वजह से कठोर लॉकडाउन की वजह से जून तिमाही में जीडीपी में 25 प्रतिशत तक की गिरावट आने की आशंका है। वहीं ब्‍लूमबर्ग के सर्वे में 19.2 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है। उल्‍लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को ही कोवडि-19 को एक दैवीय घटना बताते हुए कहा था कि इसका असर अर्थव्यवस्था पर साफ दिखाई देगा और चालू वित्त वर्ष में इसमें बड़ा संकुचन आएगा।

केंद्र सरकार ने कोविड-19 को काबू में रखने के लिए 25 मार्च को पूरे देश में लॉकडाउन लगाया था। उसके बाद मई में इस लॉकडाउन में आंशिक छूट दी गई, जिससे उसके बाद लगातार विभिन्न चरणों में हटाया गया है। लेकिन कुछ राज्यों में कोविड-19 का प्रसार बढ़ने की वजह से फिर से लॉकडाउन लगाया गया है।

रेटिंग एजेंसी इक्रा ने वित्‍त वर्ष 2010-21 की पहली तिमाही में जीडीपी में 25 प्रतिशत तक गिरावट का अनुमान व्‍यक्‍त किया है। विभिन्न रेटिंग एजेंसियों और वैश्विक वित्त विश्लेषक कंपनियों ने 2020-21 में देश की अर्थव्यवथा में पांच प्रतिशत से अधिक संकुचन का अनुमान जताया है। मैकेंजी ग्लोबल की रिपोर्ट के मुताबिक इसके अगले दशक में आठ से साढ़े आठ प्रतिशत वार्षिक की दर से वृद्धि करने की जरूरत है, ताकि अवसर पैदा किए जा सकें।

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