नयी दिल्ली। जेएसडब्ल्यू स्टील का कच्चा इस्पात उत्पादन जनवरी माह में 2.9 प्रतिशत घटकर 14.10 लाख टन रहा। पिछले साल जनवरी में कंपनी का कच्चा इस्पात उत्पादन 14.53 लाख टन था। शेयर बाजार को दी जानकारी में कंपनी ने बताया कि समीक्षावधि में उसका इस्पात चादर (फ्लैट रोल्ड स्टील) का उत्पादन 1.4 प्रतिशत घटकर 10.25 लाख टन रह गया। जनवरी 2019 में यह आंकड़ा 10.40 लाख टन था। इसी तरह कंपनी का इस्पात छड़ों (लॉन्ग रोल्ड स्टील) का उत्पादन जनवरी 2020 में 0.5 प्रतिशत टूटकर 3.42 लाख टन रहा। जेएसडब्ल्यू स्टील की सालाना इस्पात उत्पादन क्षमता 1.8 करोड़ टन है।
मदरसन सुमी सिस्टम्स को तीसरी तिमाही में 340 करोड़ रुपये का लाभ
वाहन कलपुर्जे बनाने वाली प्रमुख कंपनी मदरसन सुमी सिस्टम्स लिमिटेड (एमएसएसएल) का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 38.67 प्रतिशत घटकर 340.32 करोड़ रुपये रहा। इससे पिछले वित्त वर्ष 2018-19 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी को 554.99 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। शेयर बाजार को दी जानकारी के अनुसार समीक्षावधि में कंपनी की परिचालन से आय 15,436.46 करोड़ रुपये रही। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह आंकड़ा 16,233.65 करोड़ रुपये था। कंपनी के चेयरमैन विवेक चांद सहगल ने कहा कि यह परिणाम बाजार के ‘चुनौतीपूर्ण हालात’ के बीच कंपनी के ‘बाजार के साथ चलने’ के प्रयासों को प्रदर्शित करते हैं।
भारत फोर्ज का तिमाही लाभ 81 प्रतिशत घटा
वाहनों के कल-पुर्जे बनाने वाली प्रमुख कंपनी भारत फोर्ज का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 81.37 प्रतिशत घटकर 40.44 करोड़ रुपये रहा। वित्त वर्ष 2018-19 की अक्टूबर-दिसंबर अवधि में यह लाभ 216.96 करोड़ रुपये था। शेयर बाजारों को सोमवार को दी गयी जानकारी में कंपनी ने बताया कि समीक्षावधि में उसकी कुल आय 1,868.05 करोड़ रुपये रही जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 2,516.7 करोड़ रुपये के मुकाबले कम है।
कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक बी.एन. कल्याणी ने कहा, 'बाजार में मांग और वित्तीय प्रदर्शन के कमजोर रहने से इस तिमाही में कंपनी का प्रदर्शन पिछली तिमाही की पुनरावृत्ति है।' उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष की तुलना में चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में कंपनी की घरेलू और निर्यात से आय 30 प्रतिशत से अधिक गिरी है। कल्याणी ने कहा कि कंपनी का यूरोप स्थित अंतरराष्ट्रीय परिचालन ग्राहक मांग में गिरावट से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि उसका यात्री वाहनों से जुड़ा घरेलू और वैश्विक बाजार दूसरे वाहनों से अलग मजबूत बना हुआ है।
आलोच्य अवधि में इस बाजार में मांग 8.7 प्रतिशत ऊंची रही। उन्होंने कहा कि कंपनी ने ढांचे के पुनर्गठन और लागत को युक्ति संगत बनाने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है। उन्होंने संभावना जतायी कि अगले तीन से छह महीने बाजार में मांग नरम रह सकती है। इसकी प्रमुख वजह भारतीय बाजार के बीएस-4 से बीएस-6 में परिवर्तन को लेकर अनिश्चितता और उत्तरी अमेरिकी एवं युरोपीय बाजारों में मांग कमजोर बने रहना है।