नई दिल्ली। सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने कहा है कि रिलायंस जियो की नई मूल्य नीति से उद्योग को नुकसान होता रहेगा। इसका प्रतिकूल असर बैंकों पर पड़ेगा जिन्होंने दूरसंचार क्षेत्र में बड़ी मात्रा में कर्ज दिया हुआ है।
COAI ने कहा कि बाजार निचले मूल्य की ओर जा रहा है यह उपभोक्ताओं की दृष्टि से अच्छा कदम है, लेकिन सवाल यह है कि इस तरह का मूल्य दर नियमनों के अनुकूल है। इससे अदालतों तथा दूरसंचार न्यायाधिकरणों द्वारा निपटाया जाना चाहिए।
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COAI के महानिदेशक राजन मैथ्यू ने कहा कि,
उद्योग को इस मूल्य से नुकसान होता रहेगा। इसका बैंकों, सरकार (दूरसंचार कंपनियों द्वारा किए जाने वाले लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम भुगतान के रूप में) के साथ उपकरण विनिर्माताओं पर प्रतिकूल असर होगा। दूरसंचार उद्योग का विभिन्न वित्तीय संस्थानों और बैंकों का 4.60 लाख करोड़ रुपए का बकाया है।
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रिलायंस जियो ने 31 मार्च को घोषणा की है कि उससे 7.2 करोड़ भुगतान करने वाले ग्राहक जुड़ गए हैं। कंपनी ने इस दायरे में और ग्राहकों को लाने के लिए इसकी समयसीमा एक पखवाड़ा बढ़ा दी है। कंपनी ने तीन महीने के लिए रियायती पेशकश की घोषणा की है जिसके तहत 15 अप्रैल तक 303 रुपए का भुगतान करने वालों को डाटा बेहद कम मूल्य पर मिलेगा।