नई दिल्ली। मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो (Reliance Jio) ने आरोप लगाया है कि उसकी प्रतिद्वंद्वी एयरटेल (Airtel) द्वारा तिकोना के प्रस्तावित अधिग्रहण सौदे से सरकार को 217 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। यह भी पढ़े: Idea को पहली बार हुआ सालाना घाटा, 2016-17 में हुआ 404 करोड़ रुपए का नुकसान
जियो ने कहा
यदि इंटरनेट सेवा प्रदाता के पास मौजूद स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल वॉयस कॉल करने के लिए किया जाएगा, तो इससे सरकार को घाटा होगा।
जियो ने लगाया ये आरोप
जियो ने दूरसंचार विभाग से मांग की है कि वह तब तक इस अधिग्रहण सौदे को मंजूरी न दे जब तक कि एयरटेल ब्रॉडबैंड स्पेक्ट्रम को आईएसपी लाइसेंस से यूनिफाइड लाइसेंस में बदलने के लिए भुगतान नहीं कर देती है। इसके बाद स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल किसी भी उद्देश्य के लिए किया जा सकता है। तीन पृष्ठ के पत्र में जियो ने इसके साथ ही कहा है कि उसे 1,658 करोड़ रुपए का वह शुल्क लौटाया जाए जो उसने 2013 में अपने ब्रॉडबैंड स्पेक्ट्रम को यूनिफाइड लाइसेंस में बदलने के लिए किया था। यह भी पढ़े: अगले महीने से Jio शुरू करेगी ब्रॉडबैंड सर्विस, 3 महीने तक फ्री मिलेगा 100Mbps स्पीड के साथ 100GB डाटा
एयरटेल ने मार्च में किया था अधिग्रहण
एयरटेल ने मार्च महीने में तिकोना (Tikona) डिजिटल नेटवर्क के 4G बिजनेस को खरीदने की घोषणा की थी। इस सौदे के तहत भारती एयरटेल तिकोना का ब्रॉडबैंड वायरलेस एसेस स्पेक्ट्रम और पांच टेलीकॉम सर्किल में 350 साइट का अधिग्रहण किया। वहीं, यूजर्स के लिहाज से देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी एयरटेल ने तिकोना डिजिटल नेटवर्क्स से उसके 4जी बिजनेस को खरीदने के लिए बाध्यकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए।