नई दिल्ली। जौहरियों तथा सर्राफा कारोबारियों के एक वर्ग की हड़ताल आज 20वें दिन भी जारी है। ये चांदी को छोड़कर अन्य आभूषणों पर लगाये गये एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क वापस लेने की मांग कर रहे हैं। वहीं कुछ बड़े संगठनों ने वित्त मंत्री अरूण जेटली से मुलाकात के बाद हड़ताल वापस ले ली है। सरकार के उत्पाद शुल्क अधिकारियों की ओर ले परेशान नहीं किये जाने के आश्वासन के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी में अधिकतर आभूषण दुकानें बंद हैं। मुंबई में भी कुछ आभूषण निर्माताओं ने दुकानें बंद रखी हैं।
आल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के उपाध्यक्ष सुरिन्दर कुमार जैन ने कहा कि जबतक सरकार प्रस्तावित उत्पाद शुल्क वापस नहीं लेती राष्ट्रीय राजधानी में हड़ताल अनिश्चितकाल तक जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि आंदोलन को गति देने के लिये जौहरी, सर्राफा कारोबार तथा दस्तकार चांदनी चौक में धरना दे रहे हैं। इस बीच, जेटली से मुलाकात के बाद अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण व्यापार परिसंघ (GJF), इंडिया बुलियन एंड जूलर्स एसोसिएशन (IBBJ) तथा रत्न आभूषण निर्यात संवद्र्धन परिषद ने शनिवार को हड़ताल वापस ले ली। जयपुर समेत अन्य शहरों में भी आभूषण निर्माताओं की हड़ताल जारी है।
इससे पहले गेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ने एक बयान में कहा था कि 18 दिन की हड़ताल के कारण इंडस्ट्री को 60,000-70000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। उल्लेखनीय है कि जौहरियों के एक वर्ग ने सरकार के आश्वासन के बाद अपनी हड़ताल समाप्त कर दी। सरकार ने जौहरियों को आश्वस्त किया कि उत्पाद शुल्क अधिकारी व्यापारियों का किसी तरह का उत्पीड़न नहीं करेंगे और न ही कोई इंस्पेक्टर राज आएगा। जौहरियों के मुद्दों पर विचार के लिए तीन सदस्य समिति अर्थशास्त्री अशोक लाहिड़ी की अध्यक्षता में गठित की गई है। परिषद का कहना है कि यह समिति अपनी रपट 60 दिन में सरकार को सौंपेगी।
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