मुंबई। ज्वैलर्स की जारी बेमियादी हड़ताल के चलते 60,000 करोड़ रुपए से अधिक का कारोबारी नुकसान होने का अनुमान है। ज्वैलर्स की हड़ताल आज भी जारी है। बजट में प्रस्तावित एक्साइज ड्यूटी वापस लिए जाने की मांग को लेकर बुलियन कारोबार और इससे जुड़े 358 से ज्यादा संगठनों के सदस्य दो मार्च से ही हड़ताल पर हैं। ज्वैलरी मैन्युफैक्चरर्स दो लाख रुपए और इससे अधिक की खरीदारी के लिए पैन कार्ड अनिवार्यता का भी विरोध कर रहे हैं।
रोजाना 7,000 करोड़ रुपए का नुकसान
ऑल इंडिया जेम्स एंड ज्वेलरी ट्रेड फेडरेशन के चेयरमैन श्रीधर जीवी ने बताया, हर दिन देशभर में जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर को 7,000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो रहा है और अभी तक कारोबार नुकसान 60,000 करोड़ रुपए से अधिक पहुंच चुका है। उन्होंने कहा, भले ही हमें नुकसान हो रहा है, हम एक फीसदी का एक्साइज ड्यूटी लगाने का प्रस्ताव सरकार द्वारा वापस लिए जाने तक हड़ताल जारी रखेंगे, क्योंकि इस प्रस्ताव से इंस्पेक्टर राज वापस लौटेगा। हड़ताल में 300 से अधिक एसोसिएशनों में तीन लाख से अधिक विनिर्माता, खुदरा विक्रेता, थोक विक्रेता और कारीगर शामिल हैं।
प्रस्ताव वापस नहीं होने तक जारी रहेगी हड़ताल
ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के उपाध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार जैन ने कहा कि जबतक सरकार प्रस्ताव को वापस नहीं लेती हड़ताल अनिश्चितकाल के लिए जारी रहेगी। वित्त मंत्री अरूण जेटली के 29 फरवरी को अपने बजट में ज्वैलरी पर एक फीसदी एक्साइज ड्यूटी लगाने के प्रस्ताव के बाद से अधिकतर ज्वैलरी कंपनियां बंद हैं। इसके अलावा दो लाख और उससे अधिक की खरीददारी पर ग्राहकों के लिए स्थाई खाता संख्या (पैन) दर्ज करना अनिवार्य करने के प्रस्ताव के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।