लखनऊ। नोएडा के नजदीक जेवर में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के विकास के लिए तकरीबन 3,000 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता होगी और पहले चरण में 1206 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करने के लिए तकरीबन 3000 करोड़ रुपए की जरूरत होगी। यह अनुमान उत्तर प्रदेश सरकार ने व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की अध्यक्षता में मंगलवार की रात उत्तर प्रदेश कैबिनेट की बैठक में नोएडा अंतरराष्ट्रीय ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के विकास के लिए औपचारिकताओं को पूरा करने और सैद्धांतिक मंजूरी मांगने पर सहमति दे दी है। एक अधिकारी ने बताया कि गौतम बुद्ध नगर में एयरपोर्ट का विकास चार चरणों में किया जाएगा। प्रवक्ता ने बताया कि कैबिनेट ने केंद्र सरकार से सैद्धांतिक मंजूरी मांगने के लिए सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए सहमति दे दी है।
इस एयरपोर्ट के लिए 3000 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता होगी। पहले चरण में 1206 हेक्टेयर जमीन के लिए लगभग 3000 करोड़ रुपए की जरूरत होगी। केंद्र सरकार ने 5 जुलाई को इस प्रोजेक्ट के लिए साइट क्लियरेंस अप्रूवल दिया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी 5 अक्टूबर को इस एयरपोर्ट के लिए एनओसी जारी की थी।
ग्रेटर नोएडा में जेवर एनसीआर का दूसरा एयरपोर्ट होगा। सरकार का अनुमान है कि यह एयरपोर्ट अगले पांच या छह साल में परिचालन में आ जाएगा और इस पर तकरीबन 20,000 करोड़ रुपए का निवेश होगा। यह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट अगले 10-15 सालों में प्रति वर्ष 3 से 5 करोड़ यात्रियों को हैंडल करेगा।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय का अनुमान है कि यह एयरपोर्ट संपूर्ण पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कनेक्टीविटी को बढ़ावा देगी। यह एयरपोर्ट न केवल दिल्ली की बल्कि आगरा, मथुरा, बुलंदशहर और मेरठ की जरूरतों को पूरा करेगा।