मुंबई। 25 साल पुरानी जेट एयरवेज ने बुधवार रात से अपनी सभी उड़ानें अस्थायी रूप से बंद करने का फैसला किया है। एयरलाइन के सूत्र ने बताया कि जेट एयरवेज ने शेयर बाजारों को बताया कि बैकों के आपात ऋण सहायता देने से इनकार के बाद उसे सभी उड़ानें बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा। आज रात आखिरी उड़ान का परिचालन किया जाएगा।
यह निर्णय उसने संचालन के जरूरी न्यूनतम अंतरिम कोष 400 करोड़ रुपए जुटाने में विफल रहने के कारण लिया है। सूत्रों ने बताया कि कंपनी के पास परिचालन को जारी रखने के लिए आवश्यक नकदी न होने की वजह से उड़ानों को स्थगित किया गया है। बैंकों द्वारा ऋण संकट में फंसी जेट एयरवेज को 400 करोड़ रुपए की आपात ऋण सहायता देने से इनकार करने के बाद अब कंपनी के पास अस्थायी तौर पर परिचालन बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।
बैंकों ने 25 मार्च को समाधान योजना के तहत एयरलाइन कंपनी में 1,500 करोड़ रुपए की पूंजी डालने की बात कही थी। हालांकि, यह काम अभी तक पूरा नहीं हो सका है। वहीं, किराये का भुगतान नहीं कर पाने की वजह से जेट एयरवेज को एक के बाद कई विमान खड़े करने पर मजबूर होना पड़ा। मंगलवार तक उसके सिर्फ पांच विमान परिचालन के लिए बचे रह गए थे।
कंपनी के निदेशक मंडल ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय दुबे को भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाली ऋणदाताओं की समिति से 400 करोड़ रुपए की आपात ऋण सहायता की आखिरी अपील करने के लिए अधिकृत किया था। बैंकिंग सूत्रों ने बताया कि जेट एयरवेज प्रबंधन की 400 करोड़ रुपए की आपात ऋण सहायता की मांग को खारिज कर दिया गया है।
जेट एयरवेज के एक सूत्र ने यह भी कहा कि बैंकों की ओर से जरूरी वित्तीय सहायता नहीं देने से एयरलाइन जल्द ही बंद होने की आशंका है। उन्होंने कहा कि एयरलाइन कंपनी परिचालन जारी रखने के लिए जरूरी पूंजी जुटाने में नाकाम रही है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने जेट एयरवेज के मामले को बैंकों का व्यावसायिक फैसला बताते हुए इस मामले से दूरी बना रखी है।