मुंबई। नरेश गोयल की अगुवाई वाली जेट एयरवेज को चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 1,323 करोड़ रुपय का शुद्ध घाटा हुआ है। ईंधन की ऊंची लागत तथा रुपए के मूल्य में गिरावट से कंपनी को नुकसान हुआ है। एयरलाइन ने सोमवार को शेयर बाजारों को दी सूचना में कहा कि इससे पूर्व वित्त वर्ष की इसी तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 53.50 करोड़ रुपए था।
नकदी की समस्या से जूझ रही कंपनी ने लागत में 2,000 करोड़ रुपए की कटौती के लिये कदम उठाया है। इसमें रखरखाव लागत, कर्ज और ब्याज लागत कम करना तथा मानव संसाधन की उत्पादकता बढ़ाना शामिल है। यह लगातार दूसरी तिमाही है जब एयरलाइन को नुकसान हुआ है। इससे मार्च, 2018 को समाप्त तिमाही में एयरलाइन को 1,036 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था।
लागत में कटौती तथा हिस्सेदारी बिक्री योजना के बारे में गोयल ने कहा कि निदेशक मंडल ने दो प्रस्ताव को मंजूरी दी। पहला पूंजी डालना तथा दूसरा एयरलाइन के लायल्टी कार्यक्रम जेट प्रिवलेज में कंपनी की हिस्सेदारी की बिक्री करना शामिल है।
कंपनी की कुल आय 2018-19 की अप्रैल-जून तिमाही में मामूली रूप से सुधरकर 6,066 करोड़ रुपए रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 5,953 करोड़ रुपए थी। इस दौरान ईंधन लागत 53 प्रतिशत बढ़कर 2,332 करोड़ रुपए पहुंच गयी। एकीकृत आधार पर एयरलाइन को 1,326 करोड़ रुपए का घाटा हुआ जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में 58 करोड़ रुपए का लाभ हुआ था।