मुंबई। वित्तीय समस्याओं से जूझ रही जेट एयरेवज ने पायलटों और इंजीनियरों के वेतन भुगतान में लगातार दूसरे महीने देरी की है और इसके चलते पायलटों ने भुगतान में चूक को लेकर प्रबंधन के साथ असहयोग की चेतावनी दी है। नरेश गोयल प्रवर्तित निजी एयरलाइन नकदी संकट से जूझ रही है। कंपनी को लगातार दो तिमाही में नुकसान हुआ है। कंपनी में संयुक्त अरब अमीरात की राष्ट्रीय विमानन कंपनी एतिहाद की 24 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
कंपनी को चालू वर्ष की मार्च तिमाही में 1,036 करोड़ रुपये का घाटा हुआ जो जून तिमाही में बढ़कर 1,300 करोड़ रुपये पहुंच गया। जेट एयरवेज के पायलटों ने इस सप्ताह की शुरूआत में प्रबंधन को लिखे पत्र में कहा कि बिना पूर्व नोटिस के वेतन रोकना गंभीर मामला है और इसको लेकर अगर कोई प्रतिक्रिया होती है तो उसके लिये प्रबंधन पूरी तरह जिम्मेदार होगा। पत्र में कहा गया है कि समय पर वेतन का भुगतान नहीं करने से पायलट असहयोग करेंगे।
इस बारे में जेट एयरवेज को भेजे सवाल का फिलहाल कोई जवाब नहीं मिला है। जेट एयरेवज ने जुलाई के वेतन भुगतान में देरी की थी। इससे पहले, कंपनी नपे जून के अंत में कर्मचारियों के वेतन में 25 प्रतिशत तक कटौती का प्रस्ताव किया था लेकिन बाद में पायलटों के यूनियन ‘नेशनल एविएटर्स गिल्ड (एनएजी) तथा इंजीनियरों के विरोध के बाद इसे टाल दिया गया।
पायलटों ने कहा कि पूर्व में इस बात पर सहमति बनी थी कि वेतन का भुगतान समय पर किया जाएगा और अगर देरी होती है तो पायलटों को इसकी सूचना समय पर दी जाएगी। उनका कहना है कि इस शर्त का पालन नहीं किया गया।