चंडीगढ़। हरियाणा में जाटों के आरक्षण आंदोलन की आंच पड़ोसी पंजाब के इंडसट्री पर भी महसूस होने लगी है। पंजाब के व्यापारियों के कच्चे माल की कमी के साथ साथ तैयार माल अन्य राज्यों को भेजने में दिक्कत शुरू हो गई है। यूनाइटेड साइकिल पार्ट्स एंड मैन्युफेक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष चरणजीत सिंह विश्वकर्मा ने बताया,जाट आरक्षण आंदोलन का असर हम यहां पंजाब में भी महसूस कर रहे हैं। इंडस्ट्री जगत के सभी वर्गों पर इसका प्रतिकूल असर पड़ा है। इसके अलावा आंदोलन से दिल्ली-एनसीआर में सब्जियों और दूध की सप्लाई बाधित हो रही है।
इंडस्ट्री को नहीं मिल रहा कच्चा माल, सप्लाई में भी दिक्कत
जाट आंदोलन का सबसे अधिक असर विभिन्न राज्यों को जोड़ने वाले सड़क और रेल मार्गों पर पड़ा है। इन मार्गों से यातायात बहुत बुरी तरह प्रभावित है। इससे प्रभावित होने वाले राज्यों में दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, राजस्थान शामिल है। कई तरह पर मार्ग अवरूद्ध किए जाने के मद्देनजर अधिकारी बस व रेल सेवाएं रद्द कर रहे हैं। इस हड़ताल का असर पंजाब के प्रमुख उद्योग धंधों साइकिल, साइकिल कलपुर्जे, रेडीमेड गारमेंट, लौह व इस्पात, वाहन कलपुर्जे पर पड़ा है। कच्चे माल की आपूर्ति के साथ साथ, तैयार माल बाहर भेजना प्रभावित हुआ है। सिंह ने कहा,हमें साइकिलें बनाने के लिए लौह व इस्पात जैसा कच्चा माल नहीं मिल रहा है। हमारे तैयार उत्पादों का भंडार भी बढता जा रहा है।
सब्जियां महंगी, एनसीआर में दूध की सप्लाई प्रभावित
सरकारी भर्तियों में आरक्षण की मांग को लेकर हरियाणा में जाट आंदोलन से परिवहन व्यवस्था के अस्तव्यस्त होने से दिल्ली-एनसीआर में आलू, फूल गोभी और अन्य सब्जियों के दाम चढ़ गए हैं और दूध की सप्लाई प्रभावित हुई है। अमूल के रोहतक प्लांट का काम निलंबित है। राजधानी दिल्ली में दूध की मांग उत्तर प्रदेश से बढी हुई सप्लाई से की जा रही है जबकि सब्जियों की कमी राजस्थान के रास्ते से पूरी हो रही है। दिल्ली की आजादपुर मंडी में आलू, फूल गोभी, गाजर और साग-सब्जियों के भाव प्रति क्विंटल 100 रूपए तक चढ़ गए हैं। आलू और हरी सब्जियों के खुदरा मूल्यों में 3-4 रूपए प्रति किलो की तेजी है।