नई दिल्ली। जापान ने अगले दस साल में कार्बन उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी लाने के लिये नवीकरणीय ऊर्जा का बड़े पैमाने पर उपयोग करने तथा कोयले और अन्य जीवाश्म ईंधन में कमी लाने का लक्ष्य रखा है। बुधवार को पेश नई ऊर्जा योजना के मसौदे में यह कहा गया है। हालांकि, इसमें परमाणु ऊर्जा के मौजूदा लक्ष्य के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। वर्ष 2011 में फुकुशीमा में बिजली संयंत्र हादसे के बाद से उद्योग को लेकर असमंजस बना हुआ है। अर्थव्यवस्था और उद्योग मंत्रालय के ऊर्जा योजना के मसौदे में कहा गया है कि 2030 तक कुल ऊर्जा आपूर्ति में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी 36 से 38 प्रतिशत होनी चाहिए जबकि मौजूदा लक्ष्य 22 से 24 प्रतिशत है।
हाइड्रोजन और अमोनिया जैसे नये ईंधन की हिस्सेदारी एक प्रतिशत होगी। नई योजना में जीवाश्म ईंधन (कोयला, पेट्रोल, डीजल) के उपयोग को 56 प्रतिशत से घटाकर 41 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार कुछ साल पर ऊर्जा योजना को अद्यतन करती है। योजना मसौदे को इस साल मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इस बदलाव का उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन में उल्लेखनीय रूप से कमी लाना है। प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा ने कहा कि जापान 2050 तक कार्बन तटस्थता (कार्बन उत्सर्जन के बराबर उसमें कमी लाना) प्राप्त करने के लिए अपने उत्सर्जन को 2012 के स्तर से 46 प्रतिशत तक कम करने का प्रयास करेगा, जो पहले 26 प्रतिशत था।