टोक्यो। जापान सरकार की एक समिति ने वित्त वर्ष 2021 के लिए औसत न्यूनतम प्रति घंटा वेतन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी करने की सिफारिश की है। समिति ने औसत न्यूनतम प्रति घंटा वेतन 28 येन को बढ़ाकर 930 येन करने का प्रस्ताव सरकार को सौंपा है। शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के हवाले से कहा गया है कि श्रम मंत्रालय की सलाहकार समिति ने बुधवार को जारी अपने नए दिशा-निर्देशों में न्यूनतम वेतन में 3.1 प्रतिशत वृद्धि करने का प्रस्ताव किया है।
यदि इस प्रस्ताव को स्वीकार किया जाता है तो यह वर्ष 2002 के बाद अबतक की सबसे बड़ी वेतन वृद्धि होगी। इससे कोविड-19 महामारी से पहले ही जूझ रहे उद्यमों पर एक और मुश्किल बढ़ जाएगी। उन्हें अधिक वेतन का भुगतान करना होगा।
भारतीय रुपये में देखे तो एक जापानी येन वर्तमान में 68 भारतीय पैसे के बराबर है। इस लिहाज से जापान में प्रति घंटा न्यूनतम वेतन अभी 28 येन यानी 18.99 रुपये है। यदि यह बढ़कर 930 येन होता है तब यहां प्रति घंटे न्यूनतम वेतन 630.87 रुपये हो जाएगा। यदि कोई व्यक्ति एक दिन में नौ घंटे काम करेगा तो उसे न्यूनतम 5677.83 रुपये मिलेंगे।
प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा ने वादा किया है कि वह औसत प्रति घंटा वेतन कम से कम 1000 येन करना चाहते हैं और इसे लक्ष्य को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए ही यह प्रस्ताव सामने आया है। प्रधानमंत्री सुगा पार्ट-टाइम वर्कर्स की आय में वृद्धि को सुनिश्चित करना चाहते हैं और वह नॉन-रेगूलर वर्कर्स और रेगूलर कर्मचारियों के बीच वेतन विसंगति को भी कम करना चाहते हैं।
वित्त वर्ष 2019 में न्यूनतम वेतन में 27 येन की रिकॉर्ड बढ़ोतरी की गई थी और यह नई वृद्धि एक नया रिकॉर्ड बनाएगी। हालांकि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में न्यूनतम वेतन में बहुत अधिक अंतर है। नए प्रस्ताव के तहत टोक्यो में न्यूनतम वेतन सबसे ज्यादा 1041 येन तय किया गया है, जबकि ग्रामीण इलाकों में से 820 येन तय किया गया है। नया न्यूनतक प्रति घंटा वेतन प्रस्ताव अक्टूबर से प्रभावी होगा। इससे पहले प्रत्येक प्रांत के स्थानीय पैनल को अपनी आर्थिक स्थितियों पर विचार करते हुए अगस्त तक संशोधित संस्करणों को अंतिम रूप देना होगा।
ब्रिटेन में महंगाई तीन साल के उच्चतम स्तर पर
ब्रिटेन में आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक खाद्य वस्तुओं और मोटर ईंधन के दामों में बढ़ोतरी के चलते महंगाई लगभग तीन सालों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने बुधवार को कहा कि मुद्रास्फीति की वार्षिक दर जून में बढ़कर 2.5 प्रतिशत हो गई, जो इससे पिछले महीने 2.1 प्रतिशत थी। जून की दर अगस्त, 2018 के बाद सबसे अधिक है, जब मुद्रास्फीति 2.7 प्रतिशत हो गई थी।
मुद्रास्फीति की दर बैंक ऑफ इंग्लैंड के दो प्रतिशत के लक्ष्य से काफी अधिक है, जिसके बाद अनुमान जताया जा रहा है कि ब्रिटेन का केंद्रीय बैंक अर्थव्यवस्था में कीमतों के दबाव को कम करने के लिए जल्द कोई कदम उठा सकता है। कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप से उबरने के बाद दुनिया के कई देश मुद्रास्फीति में तेजी से बढ़ोतरी का अनुभव कर रहे हैं। अमेरिका में मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वहां वार्षिक मुद्रास्फीति दर 13 साल के उच्च स्तर 5.4 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
यह भी पढ़ें: पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट को दान देने पर मिलेगा आपको अब ये फायदा...
यह भी पढ़ें: मानसून सत्र से पहले किसानों को मिला तोहफा, यहां सरकार ने की कृषि कर्ज माफ करने की घोषणा
यह भी पढ़ें: केंद्रीय कर्मचारियों को मोदी सरकार ने दिया तोहफा, अगस्त में मिलेगा इतना ज्यादा वेतन
यह भी पढ़ें: Google यूजर्स के लिए बुरी खबर, कंपनी ने बंद की ये सेवा
यह भी पढ़ें: चीन की दोस्ती भी नहीं बचा पाई भारत के इस पड़ोसी देश को, अर्थव्यवस्था पर मंडरा रहे हैं संकट के बादल