नई दिल्ली। भारत का निर्यात जनवरी महीने में नौ प्रतिशत बढ़कर 24.38 अरब डॉलर हो गया। इस दौरान रसायन, अभियांत्रिकी सामान व पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में काफी अच्छी वृद्धि दर्ज की गई, जिससे कुल निर्यात बढ़ा। हालांकि इसी दौरान व्यापार घाटा बढ़कर तीन साल से में सबसे अधिक हो गया।
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार व्यापार घाटा जनवरी महीने में बढ़कर 16.3 अरब डॉलर हो गया। कच्चे तेल के आयात में वृद्धि से इस दौरान आयात 26.1 प्रतिशत बढ़कर 40.68 अरब डॉलर रहा। इससे पहले नवंबर 2014 में देश का व्यापार घाटा सबसे अधिक 16.86 अरब डॉलर रहा था। व्यापार घाटे से आशय आयात व निर्यात में अंतर से है। व्यापार घाटा जनवरी 2017 में 9.90 अरब डॉलर रहा था।
मंत्रालय के बयान मे कहा गया है कि अगस्त 2016 से जनवरी 2018 के दौरान निर्यात में बढ़ोतरी देखने को मिली हालांकि इस बीच अक्टूबर 2017 में यह 1.1 प्रतिशत घटा। जहां तक अप्रैल-जनवरी 2017-18 का सवाल है तो कुल निर्यात 11.77 प्रतिशत बढ़कर 247.89 अरब डॉलर रहा, जो कि एक साल पहले की समान अवधि में 221.82 करोड़ रुपए रहा था। मौजूदा वित्त वर्ष के पहले दस महीने आयात 22.21 प्रतिशत बढ़कर 379 अरब डॉलर रहा। इस अवधि में व्यापार घाटा बढ़कर 131.15 अरब डॉलर हो गया।
जनवरी महीने के दौरान रसायन, अभियांत्रिकी सामान व पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात क्रमश: 33 प्रतिशत, 15.77 प्रतिशत व 39.5 प्रतिशत बढ़ा। हालांकि इसी दौरान तैयार गारमेंट का निर्यात 8.38 प्रतिशत घटकर 1.39 अरब डॉलर रहा। इस दौरान सोने का आयात 22 प्रतिशत घटकर 1.59 अरब डॉलर रहा। तेल व गैर तेल आयात जनवरी माह में 42.64 प्रतिशत व 20.49 प्रतिशत बढ़कर क्रमश: 11.65 अरब डॉलर तथा 29 अरब डॉलर रहा। अप्रैल-जनवरी 2017-18 के दौरान तेल आयात 26.35 प्रतिशत बढ़कर 87.80 अरब डॉलर रहा।
इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार सेवाओं का निर्यात दिसंबर 2017 में 16 अरब डॉलर रहा। आयात 9.85 अरब डॉलर रहा। वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने एक ट्वीट में कहा है कि ‘निर्यात केंद्रित पहलों के परिणाम आ रहे हैं।’ निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) ने कहा कि हालांकि निर्यात में लगातार तीसरी बार सकारात्मक वृद्धि हुई लेकिन वृद्धि की दर में मासिक आधार पर गिरावट दर्ज की गई है।