नई दिल्ली। भारतीय उद्योग जगत के पितामाह कहे जाने वाले जमशेतजी टाटा पिछली शताब्दी के सबसे बड़े परोपकारी के रूप में उभरकर सामने आए हैं। उन्होंने कुल 102 अरब डॉलर का दान दिया है। यह खुलासा हुरून रिपोर्ट और एडेलगिव फाउंडेशन द्वारा तैयार टॉप-50 दानदाताओं की लिस्ट से हुआ है। नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक फैले टाटा समूह के संस्थापक जमशेतजी टाटा दुनिया में मौजूदा सबसे बड़े दानवीर कहे जाने वाले बिल गेट्स और उनकी पत्नी मेलिंडा गेट्स से कहीं आगे हैं। बिल व मेलिंडा ने 74.6 अरब डॉलर का दान दिया है। वॉरेन बफे (37.4 अरब डॉलर), जॉर्ज सोरोस (34.8 अरब डॉलर) और जॉन डी रॉकफेलर (26.8 अरब डॉलर) भी टाटा से काफी पीछे हैं।
हुरून के चेयरमैन और मुख्य शोधार्थी रूपर्ट हूगवर्फ ने कहा कि पिछली शताब्दी में परोपकार के विचार पर भले ही अमेरिकन और यूरोपियन परोपकारियों का दबदबा रहा हो, लेकिन भारत के टाटा ग्रुप के संस्थापक जमशेतजी टाटा दुनिया के सबसे बड़े परोपकारी हैं। उन्होंने अपनी दो तिहाई संपत्ति ट्रस्ट को दे दी, जो शिक्षा और स्वास्थ्य सहित कई क्षेत्रों में अच्छा काम कर रहा है। इसी से टाटा को लिस्ट में शीर्ष स्थान हासिल करने में मदद मिली है। जमशेतजी टाटा ने 1892 से ही दान देना शुरू कर दिया था।
टॉप-50 दानदाताओं की इस लिस्ट में एक और अन्य भारतीय शामिल है, जिनका नाम अजीम प्रेमजी है। वह विप्रो के मानद चेयरमैन हैं। उन्होंने अपनी संपूर्ण 22 अरब डॉलर की संपत्ति को परोपकार के लिए दान में दिया है। हूगवर्फ ने कहा कि पिछले शताब्दी के टॉप-50 दानदाताओं की लिस्ट में कुछ नाम जैसे अल्फ्रेड नोबल नहीं हैं, जबकि कुछ अन्य लोगों का है, यह काफी आश्चर्यजनक नहीं है।
टॉप-50 दानदाताओं की लिस्ट में 38 लोग अमेरिका से हैं। इसके बाद ब्रिटेन का स्थान है, जहां के 5 लोग इस लिस्ट में शामिल हैं। चीन तीन नामों के साथ तीसरे स्थान पर है। इनमें से 37 दानदाता मर चुके हैं, जबकि केवल 13 अभी जीवित हैं। इन 50 दानदाताओं द्वारा पिछली एक शताब्दी में कुल 832 अरब डॉलर का दान दिया गया है। हूगफर्व ने कहा कि आज के अरबपति बहुत अधिक परोपकारी नहीं हैं, जितना वो दान कर रहे हैं उससे कहीं तेजी से वह पैसा बना रहे हैं।
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