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जेटली ने दिया आश्‍वासन, अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सही समय पर उठाया जाएगा उपयुक्त कदम

वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने सुस्ती से प्रभावित अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सही समय पर उपयुक्त कदम उठाने का आज वादा किया।

Manish Mishra
Published : September 21, 2017 16:25 IST
जेटली ने दिया आश्‍वासन, अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सही समय पर उठाया जाएगा उपयुक्त कदम
जेटली ने दिया आश्‍वासन, अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सही समय पर उठाया जाएगा उपयुक्त कदम

नई दिल्ली वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने सुस्ती से प्रभावित अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सही समय पर उपयुक्त कदम उठाने का आज वादा किया। उन्होंने कहा कि सरकार निजी निवेश के गति नहीं पकड़ने की समस्या को समझ रही है। आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए योजना तैयार करने को लेकर अपने मंत्रिमंडल सहयोगियों और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श कर रहे जेटली ने कहा कि जमीन-जायदाद और रियल एस्टेट क्षेत्र को वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाया जा सकता है।

एक बैठक में जेटली की कही बातों को वित्‍त मंत्रालय ने ट्विटर के जरिए बताया है। जेटली ने कहा कि पहले दिन से यह सरकार सक्रियता से काम कर रही है। हम आर्थिक संकेतकों का विश्लेषण कर रहे हैं और सही समय पर उपयुक्त कदम उठाए जाएंगे। निजी निवेश के रफ्तार नहीं पकड़ने की समस्या को स्वीकार करते हुए वित्‍त मंत्री ने कहा कि सरकार मसले को समझ रही है। जल्दी ही आपको हमारी तरफ से इस बारे में कुछ सुनने को मिलेगा।

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दो साल पहले आर्थिक नरमी से प्रभावित वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत एक आकर्षक स्थल था। जीडीपी वृद्धि दर के मामले में चीन से भी आगे निकल गया था। लेकिन 2016 की शुरुआत से लगातार छह तिमाहियों में वृद्धि दर घटी है और चालू वित्‍त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में यह तीन साल के न्यूनतम स्तर 5.7 प्रतिशत पर आ गई। यह लगातार दूसरी तिमाही है जब भारत तेज आर्थिक वृद्धि वाले देश के मामले चीन से पीछे रहा।

जीडीपी वृद्धि दर में गिरावट के अलावा निर्यात के सामने भी चुनौतियां हैं और औद्योगिक वृद्धि पांच साल में न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई हैं। चालू खाते का घाटा (सीएडी) अप्रैल-जून तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2.4 प्रतिशत रहा।

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वित्‍त मंत्री जेटली ने कहा कि पिछले कुछ साल में एक राष्ट्र के रूप में भारत का भरोसा शानदार तरीके से बढ़ा है और चाहे जीएसटी लागू करने की बात हो या सब्सिडी को सभी लाभार्थियों तक पहुंचाने की बात, मौजूदा सरकार ने तेजी से फैसले किए। उन्होंने कहा कि सरकार जीएसटी के बाद मुद्रास्फीति प्रभाव को काबू में रखने में सफल रही है।

जेटली ने कहा कि जहां तक और जिंसों को जीएसटी के दायरे में लाने का सवाल है, मुझे लगता है कि रियल एस्टेट को लाना ज्यादा आसान है। जहां तक कालाधन और बेनामी लेन-देन का सवाल है, जेटली ने कहा कि अधिक नकदी में लेन-देन भारत में सुरक्षित नहीं है।

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