नई दिल्ली। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों को लेकर हो रही आलोचना को मंत्री अरूण जेटली ने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) एक पेशेवर संगठन है। इसके आंकड़ों को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) सहित सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठन भी मान्यता देते हैं। जेटली ने कहा, भारत में हम एक परिपाटी और प्रक्रिया को अपनाते रहे हैं और सीएसओ इसका लगातार पालन करता रहा है। मुझे नहीं लगता कि सीएसओ के पेशे और ग्यान को लेकर कभी किसी ने सवाल उठाया है।
जेटली ने कहा, वह काफी जिम्मेदार और पेशेवर संगठन हैं। उन्होंने अपनी कार्य-पद्धति में संशोधन किया और आखिर में आईएमएफ सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संस्थानों ने उनके आंकड़ों को स्वीकार किया है। जेटली ने उनसे पूछे गए एक सवाल के जवाब में ये बातें कही। एक अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन में एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई है जिसमें कहा गया है कि यदि पुराने तरीके से भारत की जीडीपी की गणना की जाये तो उसकी वृद्धि दर 4.3 प्रतिशत है।
सीएसओ ने अपने ताजा अनुमान में वर्ष 2015-16 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। यह आंकड़ा नई पद्धति के मुताबिक सामने आया है। सीएसओ के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि 7.1 प्रतिशत रही है। जेटली ने कहा, आपको यह नहीं भूलना चाहिये कि जब आप किसी खास तिथि से मापन प्रणाली में संशोधन करते हैं और उसके बाद आप उसी तरीके को अपनाते हैं तो फिर वृद्धि को भी उसी पद्धति के तहत मापा जाता है। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि वास्तव में यदि आप भारत में चल रही गतिविधियों के विस्तार को देखें, तो इस तरह के विश्लेषण, बहुत ज्यादा उचित टिप्पणी नहीं लगते। हालांकि, अर्थशास्त्री विश्लेषण करने के लिये स्वतंत्र हैं।