देश के किसानों को ये खबर मुश्किल में डाल सकती है। अब गुड़ उत्पादन से हुई आय को कृषि संबंधी गतिविधि नहीं माना जाएगा। ऐसे में किसानों को गुड़ उत्पादन से हुई आय पर टैक्स देना होगा। मद्रास हाईकोर्ट की एक डिविजनल बैंच ने एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि गुड़ बेचने से हुई आय को कृषि से हुई आय नहीं माना जा सकता है। ऐसे में ऐसे गुड़ उत्पादक किसानों को आयकर कानून 1961 के तहत छूट नहीं दी जा सकती है।
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दरअसल एक किसान जो कि अपने खेत में पैदा हुए गन्ने से गुड़ का उत्पादन भी करता है। किसान ने आयकर रिटर्न दाखिल करते हुए गुड़ बेचने से हुई आय को कृषि आय बताया और आयकर छूट की मांग की। लेकिन आयकर विभाग ने उसकी मांग को यह कहकर ठुकरा दिया कि गुड़ बेचने से हुई आय को कृषि आय के रूप में नहीं माना जा सकता है।
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हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि यह कतई नहीं कहा जा सकता है कि गुड़ का उत्पादन गन्ने का बेहतर मूल्य प्राप्त करने के लिए कहा गया है। हाईकोर्ट की जांच में पाया गया कि किसान ने गन्ने से गुड़ बनाने में 1 लाख 70 हजार रुपये खर्च किए, वहीं गन्ने के उत्पादन में किसान को 1 लाख 30 हजार रुपये का खर्च आया।