जम्मू: जम्मू-कश्मीर का कुल खर्च 2014 के 34,550 करोड़ रुपए से बढ़कर 2019 में 64,572 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने इसकी जानकारी दी। इस कुल खर्च में राजस्व व्यय, पूंजीगत परिव्यय और ऋण व अग्रिम का वितरण शामिल है। कैग ने 31 मार्च, 2019 को समाप्त वर्ष के लिये सामाजिक, सामान्य, आर्थिक और राजस्व पर अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘2018-19 के लिये बजट अनुमान 1,11,850 करोड़ रुपए था और व्यय 95,386 करोड़ रुपए था।
यह आंकड़े 2014 में क्रमश: 53,897 करोड़ रुपए और 62,296 करोड़ रुपए थे। हाल ही में संसद में पेश इस रिपोर्ट में कहा गया कि 2015-16 के लिये बजट अनुमान और वास्तविक व्यय क्रमशः 62,726 करोड़ रुपए और 79,281 करोड़ रुपये था। ये आंकड़े 2016-17 में क्रमश: 80,465 करोड़ रुपए और 85,084 करोड़ रुपए थे। 2017-18 में ये क्रमश: 89,939 करोड़ रुपए और 89,624 करोड़ रुपये थे। कैग ने कहा, ‘‘2014 से 2019 की
अवधि के दौरान जम्मू-कश्मीर का कुल व्यय 34,550 करोड़ रुपए से बढ़कर 64,572 करोड़ रुपए हो गया, जबकि राजस्व व्यय 29,329 करोड़ रुपए से 91 फीसदी बढ़कर 56,090 करोड़ रुपए हो गया।’’ कैग ने कहा कि वर्ष 2018-19 के दौरान जम्मू-कश्मीर सरकार की कुल प्राप्तियां पिछले वर्ष की तुलना में 5.6 फीसदी बढ़ी हैं।