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मैगी विवाद से ITC के Yippee नूडल्‍स को हुआ फायदा, 1,000 करोड़ रुपए का ब्रांड बनने के करीब पहुंचा

मैगी विवाद के बाद से आईटीसी का इंस्टैंट नूडल ब्रांड Yippee 1,000 करोड़ रुपए का ब्रांड बनने के करीब पहुंच गया है।

Abhishek Shrivastava
Updated : January 20, 2016 11:03 IST
मैगी विवाद से ITC के Yippee नूडल्‍स को हुआ फायदा, 1,000 करोड़ रुपए का ब्रांड बनने के करीब पहुंचा
मैगी विवाद से ITC के Yippee नूडल्‍स को हुआ फायदा, 1,000 करोड़ रुपए का ब्रांड बनने के करीब पहुंचा

नई दिल्‍ली। नेस्‍ले मैगी पर कुछ माह का प्रतिबंध लगने से अन्‍य कंपनियों को फायदा मिला है। इस बीच डाइवर्सीफाइड ग्रुप आईटीसी का इंस्टैंट नूडल ब्रांड Yippee 1,000 करोड़ रुपए का ब्रांड बनने के करीब पहुंच गया है। इसे प्रतिद्वंद्वी नेस्ले के ब्रांड मैगी से जुड़े विवाद का सबसे ज्‍यादा फायदा मिला है।

आईटीसी लिमिटेड के डिवीजनल चीफ एग्‍जीक्‍यूटिव (फूड डिवीजन) वीएल राजेश ने बताया कि सनफीस्ट यिप्पी ब्रांड के तौर पर राष्ट्रीय स्तर पर पेश किए जाने के बाद अपने पांचवें वर्ष में है। हमें यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि यिप्पी नूडल्स 1,000 करोड़ रुपए के ब्रांड लिस्‍ट में जल्‍द ही शामिल होने वाला है। येप्‍पी नूडल्‍स को जब लॉन्‍च किया गया था, उस वक्‍त एकमात्र प्‍लांट पुणे में था। अभी इसके कोलकाता, हरिद्वार और बेंगलुरु में प्‍लांट हैं। वित्‍त वर्ष 2015 में आईटीसी का रेवेन्‍यू 36,507 करोड़ रुपए था। 2015-16 में पहली छमाही में आईटीसी की शुद्ध बिक्री 17,310.23 करोड़ रुपए थी। इसमें नॉन सिगरेट एफएमसीजी सेगमेंट (पैक्‍ड फूड बिजनेस सहित) का योगदान 4,522 करोड़ रुपए से अधिक था।

मैगी पर प्रतिबंध से पहले और बाद में यिप्पी की वृद्धि के संबंध में उन्होंने कहा कि विवाद के बाद जून 2015 में ब्रांड में अन्य प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले 40 फीसदी से अधिक वृद्धि दर्ज हुई। उन्‍होंने कहा कि विवाद और भ्रम से पूरे उद्योग को नुकसान हुआ है। हालांकि, हमारे सक्रिय योगदान और नवोन्मेषी अभियान के साथ हम तेजी से उभरे और हमने बिक्री के पुराने स्तर को पार कर लिया।  उन्होंने कहा कि कंपनी का अभियान विश्व स्तरीय उत्पाद और विनिर्माण प्रक्रियाओं पर केंद्रित रहा। पिछले साल जून में एफएसएसएआई ने तय मात्रा से अधिक लेड और मोनो सोडियम ग्‍लूटामेट पाए जाने के बाद मैगी की बिक्री पर बैन लगा दिया था। बैन लगने के बाद नेस्‍ले ने मैगी को बाजार से हटा लिया था। बॉम्‍बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद नेस्‍ले ने मैगी को दोबारा नवंबर 2015 में रीलॉन्‍च किया था। इस बैन से नेस्‍ले को करीब 530 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

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