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नूडल खंड में आईटीसी की बाजार भागीदारी बढ़ी

प्रमुख एफएमसीजी कंपनी आईटीसी ने कहा कि उसके इंस्टेंट नूडल ब्रांड यिप्पी की बिक्री में सुधार हुआ है और उसकी बाजार भागीदारी बढ़कर 30-40 फीसदी हो गई है।

Dharmender Chaudhary
Updated on: March 21, 2016 10:12 IST
Maggi Ban Impact: यिप्पी की बिक्री बढ़ी, इंस्टेंट नूडल मार्केट में आईटीसी की हिस्सेदारी 40 फीसदी हुई- India TV Paisa
Maggi Ban Impact: यिप्पी की बिक्री बढ़ी, इंस्टेंट नूडल मार्केट में आईटीसी की हिस्सेदारी 40 फीसदी हुई

कोलकाता। मैगी पर संकट का फायदा प्रमुख एफएमसीजी कंपनी आईटीसी को हुआ है। कंपनी ने कहा कि उसके इंस्टेंट नूडल ब्रांड यिप्पी की बिक्री में सुधार हुआ है और उसकी बाजार भागीदारी बढ़कर 30-40 फीसदी हो गई है। मैगी विवाद के शुरू होने से पहले यह 20 फीसदी थी। गौरतलब है कि मैगी में लेड की मात्रा तय सीमा से अधिक पाये जाने पर देशभर में इसकी बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

मैगी पर लगे प्रतिबंध का आईटीसी को हुआ फायदा

आईटीसी के कार्यकारी निदेशक संजीव पुरी ने बताया कि इस समय इंस्टेंट नूडल (यिप्पी) में आईटीसी की बाजार 30 फीसदी से 40 फीसदी के बीच कहीं होगी। मैगी विवाद के शुरू होने से पहले यह 20 फीसदी थी। उन्होंने कहा कि मैगी विवाद से पहले नूडल बाजार की बिक्री 250-300 करोड़ रुपए प्रति माह थी। विवाद होने के बाद यह घटकर 5-10 फीसदी रह गई लेकिन अब अब यह सुधरकर पुरानी बिक्री के लगभग 50 फीसदी पर आ गई है। पुरी ने कहा कि कंपनी डेयरी क्षेत्र में अपनी उपस्थिति मजबूत बनाएगी।

कैसे शुरू हुआ मैगी विवाद

फूड सेफ्टी एवं ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन एफडीए), उत्तरप्रदेश ने गोरखपुर के लैब में कराई जांच में पाया कि मैगी में भारी मात्रा में मोनोसोडियम ग्लूटामेट(एमएसजी) और लीड (सीसा) है। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में वीके पाण्डेय नामक एफडीए के अफसर ने दो दर्जन मैगी के पैकेट की जांच में इसका खुलासा किया था। मैगी में  मैगी में मोनोसोडियम ग्लूटामेट(एमएसजी) का उपयोग स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है।

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