नयी दिल्ली। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने व्हाट्सएप से आतंकवादियों और चरमपंथियों द्वारा एप के दुरूपयोग के मामलों में संदेशों के मूल स्रोत का पता लगाने के लिये प्रणाली विकसित करने पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि एप ने ऐसे मामलों में तत्काल कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
व्हाट्सएप के वैश्विक प्रमुख विल कैथकार्ट के साथ बैठक के बाद प्रसाद ने कहा कि मैंने संदेशों के स्रोत का पता लगाने के मुद्दे पर स्पष्ट किया कि यह उनका काम है। आतंकवादियों और चरमपंथियों द्वारा गलत संदेशों को बार-बार भेजने को लेकर व्हाट्सएप मंच का दुरूपयोग किये जाने के मामले सामने आते हैं, ऐसी व्यवस्था निश्चित तौर पर होनी चाहिए जिससे ऐसे लोगों के बारे में पता लगाया जा सके और कानून व्यवस्था, सुरक्षा बनाये रखी जा सके।
बता दें कि यह बैठक ऐसे समय हुई है जब भारत व्हाट्सएप पर फर्जी संदेशों के स्रोत का पता लगाने की प्रणाली लगाने पर जोर दे रहा है। प्रसाद ने कहा कि मैंने उन्हें स्पष्ट तौर पर कहा है कि वह प्रणाली विकसित करेंगे और इस संदर्भ में अनुरोध उपयुक्त रूप से उच्च स्तर से आएगा। मुझे यह कहने में खुशी है कि सीईओ ने मुझे भरोस दिया है कि इन मामलों में तत्काल कार्रवाई होगी।
मंत्री ने कहा कि उन्होंने कंपनी से भारत के लिये शिकायत अधिकारी नियुक्त करने को कहा है जो यहां तैनात हो। प्रसाद के साथ बैठक के बाद कैथकार्ट ने कहा कि व्हाट्सएप ने मामले में सहयोग की अपनी बात दोहरायी है। कैथकार्ट के साथ फेसबुक इंडिया के प्रबंध निदेशक अजित मोहन और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि कंपनी अपने उत्पाद में बदलाव पर ध्यान दे रही है और संदेशों के तीव्र प्रसार रोकने के लिये 'मैसेज' को एक बार में सीमित संख्या में भेजने जैसी व्यवस्था की है। कैथकार्ट ने कहा कि हमने जांच एजेंसियों के साथ सहयोग, प्रशिक्षण देने और अनुरोध के निपटान से जुड़े काम के बारे में बात की।