नई दिल्ली। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग के संगठन नास्कॉम ने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडेन की जीत का स्वागत किया है। संगठन ने कहा है कि उद्योग जगत की नजर अब बाइडेन की नीतियों पर है, खास तौर पर एच 1 बी वीजा को लेकर नई राष्ट्रपति के कदम का घरेलू कंपनियां इंतजार कर रही हैं। नास्कॉम ने कहा है कि भारत का आईटी क्षेत्र अमेरिका की नई सरकार के साथ मिलकर वहां प्रौद्योगिकी, कौशल और डिजिटल बदलाव के लिए काम करना चाहता है। अमेरिका भारत के आईटी क्षेत्र का सबसे बड़ा बाजार है। उद्योग के राजस्व में अमेरिकी बाजार का सबसे बड़ा हिस्सा है। नास्कॉम ने ट्वीट किया, ‘‘नास्कॉम निर्वाचित राष्ट्रपति बाइडेन को उनकी जीत की बधाई देता है। हम बाइडेन प्रशासन के साथ अमेरिका में प्रौद्योगिकी, कौशल और डिजिटल बदलाव के लिए काम करने लेकर काफी इच्छुक हैं।’’
नास्कॉम ने चालू वित्त वर्ष में आईटी क्षेत्र का राजस्व 7.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 191 अरब डॉलर रहने का अनुमान लगाया है। भारत की आईटी कंपनियों की निगाहें एच-1बी वीजा पर बाइडेन के रुख और नीतियों पर रहेगी। भारत के बड़ी संख्या में प्रौद्योगिकी पेशेवरों द्वारा इस वीजा का इस्तेमाल किया जाता है। इस साल जून में कोविड-19 महामारी के दौरान डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने एच-1बी सहित कई गैर-आव्रजक वीजा श्रेणियों में पेशेवरों के अमेरिका में प्रवेश पर साल के अंत तक रोक लगा दी थी। एच-1बी गैर-आव्रजक वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को विशेषज्ञता वाले पदों पर विदेशी पेशेवरों की नियुक्ति की अनुमति देता है। इस वीजा के जरिये अमेरिकी कंपनियां हजारों की संख्या में भारत और चीन के पेशेवरों की नियुक्ति करती हैं। नास्कॉम ने कहा, ‘‘उसकी सदस्य कंपनियों का अमेरिका में महत्वपूर्ण इतिहास है। वे अमेरिका में फॉर्चून-500 की करीब तीन-चौथाई कंपनियों के साथ काम करती हैं।