नई दिल्ली। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आकलन वर्ष 2016-17 के लिए नए आयकर रिटर्न (आईटीआर) फॉर्म अधिसूचित किए हैं। इसके तहत 50 लाख रुपए सालाना आमदनी और याच, विमान और बहुमूल्य जेवरात का शौक पूरा करने में समर्थ लोगों को इन महंगी परिसंपत्तियों का खुलासा करना होगा। डिपार्टमेंट ने फॉर्म में नया सेक्शन ‘शेड्यूल AL’ यानी एसेट एंड लायबिलिटीज शामिल किया है। नए फार्म का उपयोग आज से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष से होगा। वित्त मंत्रालय ने इस संबंध में 30 मार्च को गजटेड ऑर्डर पब्लिश किया और टैक्सपेयर्स 31 जुलाई तक अपने आयकर रिटर्न भर सकते हैं।
50 लाख से अधिक कमाई वालों पर सरकार की नजर
विभाग ने नए आईटीआर (आईटीआर-2 और 2ए) फर्मा में नया प्रावधान साल के अंत तक परिसंपत्ति एवं देनदारी किया है जो ऐसे मामलों में लागू होगा जिनमें कुल आय 50 लाख रुपए से अधिक है। इस आयवर्ग में आने वाले व्यक्तियों और इकाइयों को ऐसी परिसंपत्तियों की कुल लागत का भी उल्लेख करना होगा। इसलिए नई आईटीआर प्रणाली के तहत जमीन और मकान जैसी अचल परिसंपत्तियों, नकदी, जेवरात, सर्राफा, वाहन, याच, नाव और विमान जैसी चल परिसंपत्तियों की भी जानकारी कर अधिकारियों को देनी होगी।
तस्वीरों से जानिए टैक्स सेविंग प्रोडक्ट्स के बारें में
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देनी होगी ये भी जानकारियां
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 50 लाख रुपए सालाना से अधिक आमदनी दर्ज करने वालों के लिए नई खुलासा प्रणाली उच्च निवल मूल्य वाले लोगों और इकाइयों द्वारा की जाने वाली कर चोरी पर लगाम लगाने के लिए बनाई गई है। उनका आयकर रिटर्न अब तक एक ही फार्म में शामिल होता था लेकिन अब कर अधिकारियों को सूचित करने के लिए नए विशिष्ट कॉलम आवश्यक है। पहली बार आईटीआर को सरकार की स्टार्टअप कारोबार को बढ़वा देने के प्रमुख एजेंडे को ध्यान में रखकर इस क्षेत्र से आय अर्जित करने वालों के लिए एक अलग कॉलम लाया गया है।