नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इनकम टैक्स विभाग को निर्देश दिया है कि करदाताओं को तुरंत राहत पहुंचाते हुए पिछले तीन साल के 5,000 रुपए तक के लंबित टैक्स रिफंड को जल्द से जल्द जारी किया जाए। सीबीडीटी ने इस बारे में आज निर्देश जारी करते हुए कहा है कि पिछले तीन वित्त वर्ष 2013-14, 2014-15 और 2015-16 के ऐसे मामले, जिन्हें जांच के लिए नहीं चुना गया है उनमें 5,000 रुपए तक के बकाये रिफंड को जल्द जारी किया जाना चाहिए और इसी वित्त वर्ष में इन्हें निपटाया जाना चाहिए।
बोर्ड ने कहा है कि उसके पास उपलब्ध ताजा आंकड़ों से यह पता चलता है कि ऐसे बड़ी संख्या में बिना जांच वाले मामले हैं, जिनमें 5,000 रुपए तक का रिफंड लंबित है और उसे जारी नहीं किया गया है। सीबीडीटी ने देशभर में स्थिति अपने सभी कार्यालयों में टैक्स अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह इस प्रकार लंबित रिफंड को आयकर की धारा 245 के तहत करदाता पर बकाया किसी भी कर मांग के एवज में समायोजित नहीं करें और उसका तुरंत भुगतान जारी करें। आयकर की यह धारा आयकर अधिकारी को लंबित रिफंड को कर मांग के बदले समायोजित करने का अधिकार देती है।
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सीबीडीटी ने हालांकि इसके साथ ही यह भी कहा है कि जिन मामलों में धारा 245 के तहत नोटिस प्राप्त कर लिया गया है और करदाता ने 60 दिन की तय अवधि के बाद भी कोई जवाब नहीं दिया है, ऐसे मामलों में यह मान लिया जाए कि करदाता को बकाया राशि के समायोजन को लेकर कोई एतराज नहीं है। इसी के अनुरूप रिटर्न को आगे बढ़ाया जाए और शेष रिफंड यदि कोई है तो करदाता को जारी कर दिया जाए।