नई दिल्ली। भारतीय रेल वित्त निगम (आईआरएफसी) को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) की अनुमति मिल गई है। आईपीओ के तहत 93.8 करोड़ नए इक्विटी शेयर जारी किए जाएंगे। इसके अलावा भारत सरकार 46.9 करोड़ शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) लाएगी। नियामक की वेबसाइट पर डाली गई सूचना के अनुसार इस बारे में निष्कर्ष पत्र 25 फरवरी, 2020 को जारी किया गया।
किसी भी कंपनी को आईपीओ, अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) या राइट्स इश्यू के लिए सेबी का निष्कर्ष हासिल करना जरूरी होता है। आईडीएफसी सिक्योरिटीज, एचएसबीसी सिक्योरिटीज एंड कैपिटल मार्केट्स, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज और एसबीआई कैपिटल मार्केट्स आईपीओ का प्रबंधन करेंगी। कंपनी के शेयरों को बीएसई और एनएसई में सूचीबद्ध कराने का प्रस्ताव है।
होम फर्स्ट फाइनेंस कंपनी आईपीओ से जुटाएगी 1,500 करोड़ रुपए
आवास वित्त क्षेत्र में काम करने वाली होम फर्स्ट फाइनेंस कंपनी ने मंगलवार को कहा कि उसे प्रारम्भिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये पूंजी बाजार से 1,500 करोड़ रुपए जुटाने के लिए सेबी की मंजूरी मिल गई है। कंपनी ने यहां जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी है। इसमें कहा गया है कि आईपीओ के तहत 400 करोड़ रुपए के नए शेयर जारी किए जाएंगे, जबकि 1,100 करोड़ रुपए के शेयरधारकों के शेयरों को बिक्री पेशकश के तौर पर जारी किया जाएगा।
कंपनी में उसके प्रवर्तक और निवेशक जो अपनी हिस्सेदारी बेच रहे हैं उनमें ट्रू नार्थ फंड वी एलएलपी, एथेर (मॉरीशस), बेसेमेर इंडिया कैपिटल होल्डिंग्स- 11 लिमिटेड, पी एस जयकुमार, मनोज विश्वनाथन और भास्कर चौधरी शामिल हैं। कंपनी ने आईपीओ के लिए सेबी के पास मसौदा दस्तावेज 28 नवंबर 2019 को सौपे थे। कंपनी के शेयरों को एनएसई और बीएसई में सूचीबद्ध किया जाएगा।