नई दिल्ली। भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने वित्त वर्ष 2016-17 में अपने विज्ञापन बजट का 50 प्रतिशत से भी कम खर्च किया है। नियामक को बीमा के बारे में जागरूकता के प्रसार को यह बजट आवंटित किया गया था। इस साल नियामक का विग्यापन बजट बढ़ाकर 66.5 करोड़ रुपयए कर दिया गया है। सरकार देश में, विशेष रूप से दूरदराज के क्षेत्रों में बीमा की पहुंच बढ़ाने का प्रयास कर रही है। IRDAI बीमा के बारे में जागरूकता के प्रसार तथा इसके महत्व को बताने के लिए विभिन्न माध्यमों जैसे समाचार पत्रों, टेलीविजन, रेडियो और आउटडोर पब्लिसिटी का इस्तेमाल करता है।
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बीते वित्त वर्ष में IRDAI का विज्ञापन बजट 60 करोड़ रुपए था, लेकिन इसमें से वह मात्र 24 करोड़ रुपए का ही खर्च कर पाया। वित्त वर्ष 2017-18 के लिए IRDAI के उपभोक्ता मामलों के विभाग का विज्ञापन बजट 66.50 करोड़ रुपए रखा गया है। मौजूदा वित्त वर्ष के लिए बजट बढ़ाते हुए नियामक ने एक आधिकारिक दस्तावेज में कहा है कि वह और विज्ञापनों की योजना बना रहा है।
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IRDAI ने अपने टीवी, रेडियो तथा प्रदर्शनियों आदि के आयोजन के जरिये प्रचार प्रसार को क्रिएटिव एजेंसियों की तलाश शुरू की है। इसके अलावा नियामक की योजना राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार अभियान के लिए भी एजेंसी की नियुक्ति की है। बीमा उदारीकरण के बाद पहले दशक में इस क्षेत्र की बाजार पहुंच में लगातार इजाफा हुआ। यह 2001 के 2.71 प्रतिशत से बढ़कर 2009 में 5.20 प्रतिशत पर पहुंच गया। उसके बाद इसमें गिरावट आई। हालांकि, 2015 में इसमें मामूली इजाफा हुआ और यह 3.44 प्रतिशत पर पहुंच गई। 2104 में बीमा क्षेत्र की बाजार हिस्सेदारी 3.3 प्रतिशत थी।