मुंबई। बीमा नियामक इरडा सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों विलय के साथ उन्हें एक से अधिक बीमा कंपनियों में 10 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखने की अनुमति देने पर विचार कर रहा है। लेकिन यह प्रबंधन नियंत्रण की सीमा एक इकाई तक सीमित रहेगी।
उद्योग मंडल एसोचैम के एक कार्यक्रम में इरडा के चेयरमैन एस सी खुंटिया ने कहा, 'हम सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को एक से अधिक बीमा कंपनियों में 10 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी देने की अनुमति देने पर विचार कर रहे हैं। लेकिन प्रबंधन स्तर पर निंयत्रण उनमें से केवल एक में होगा।' नियामक यह भी चाहता है कि ऐसे विभिन्न मालिकाना हक बीमा उद्योग के केवल एक खंड तक ही सीमित हो। वह जीवन बीमा या फिर साधारण बीमा में हो। साथ ही नियम बैंक को एक ही खंड में एक से अधिक बीमा कंपनी को बढ़ावा देने की अनुमति नहीं दे।
उल्लेखनीय है कि 10 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का चार बैंकों में विलय हुआ है। ये बीमा इकाइयों के प्रवर्तक भी हैं। उदाहरण के लिये पीएनबी, यूनियन बैंक, आंध्रा बैंक, केनरा बैंक और ओबी जीवन बीमा अनुषंगियों का परिचालन कर रहे हैं। सरकार ने अगस्त में 10 बैंकों के चार बैंकों में विलय को मंजूरी दी।