नई दिल्ली। भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने जीवन और साधारण बीमा कंपनियों को अपने संभावित ग्राहकों की वीडियो आधारित केवाईसी करने की अनुमति दे दी है। इस कदम से बीमा कंपनी के अधिकारी कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में ग्राहकों की केवाईसी अनिवार्यता को ऑनलाइन पूरा कर सकेंगे। इरडा ने सोमवार को कहा कि वीडियो आधारित प्रक्रिया का उद्देश्य विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक मंच के माध्यम से केवाईसी की प्रक्रिया को सुगम तथा उपभोक्ता अनुकूल बनाना है। नियामक ने कहा कि बीमा कंपनियां ऐसे ऐप विकसित कर केवाईसी की प्रक्रिया को ऑनलाइन या वीडियो के जरिये कर सकती हैं।
इरडा ने कहा कि वीडियो आधारित पहचान प्रक्रिया (VBIP) के जरिये खोले जाने वाले सभी खातों या अन्य सेवाओं को बीमा कंपनी को समुचित सत्यापन के बाद ही शुरू करना होगा, जिससे इस प्रक्रिया की विश्वसनीयता बनी रहे। इसके अलावा बीमा कंपनियों को तय नियमों के तहत सॉफ्टवेयर और सुरक्षा ऑडिट करना होगा तथा वीबीआईपी ऐप को शुरू करने से पहले उसकी पूरी जांच करनी होगी। इरडा ने कहा कि बीमा कंपनियों को इस प्रणाली को मजबूत करने और सूचनाओं की गोपनीयता के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकियों मसलन आर्टिफिशिएल इंटेलीजेंस और चेहरे का मिलान करने वाली प्रौद्योगिकी का प्रयोग करना चाहिए। नियामक ने स्पष्ट किया है कि सत्यापन की पूरी जिम्मेदारी बीमा कंपनी की होगी।
कोरोना संकट से निपटने के लिए बीमा नियामक लगातार कदम उठा रहा है, इसमें कोरोना से जुड़ी पॉलिसी से लेकर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बीमा धारकों को सेवाओं से जुड़े ऐलान शामिल हैं। बीते हफ्ते ही इरडा के चेयरमैन सुभाष सी खुंटिया ने कहा था कि नियामक कोविड-19 से जुड़े बीमा उत्पादों की अवधि बढ़ाने की अनुमति देने पर विचार कर रहा है। इसका कारण इसके टीके के आने में लगने वाला समय है। इसके अलावा बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) कोरोना वायरस के लिये मानक उत्पाद की दिशा में भी काम कर रहा है। यह उत्पाद पॉलिसीधारकों के लिये आसान होगा और उसके लिये भारी- भरकम पॉलिसी दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी।